
- शीर्ष न्यायालय में 12 अगस्त को होना है सुनवाई, एसीएस तैयार कर रहे हैं जवाब
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) द्वारा नियम विरुद्ध दी गईं 237 पर्यावरणीय अनुमतियों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई 12 अगस्त होना है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवैध पर्यावरणीय अनुमतियों को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लेने के बाद राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी को पर्यावरण विभाग से स्थानांतरित कर दिया है। उनकी जगह अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल को पर्यावरण विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। वर्णवाल नियम विरुद्ध पर्यावरणीय अनुमतियां देने के मामले में न्यायालय में पक्ष रखने के लिए जवाब तैयार करने में जुटे हैं। प्रमुख सचिव को स्थानांतरित करने के बाद खदान एवं अन्य संस्थाओं को नियम विरुद्ध अनुमतियां जारी करने के मामले में सरकार की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सरकारी सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों ने पर्यावरणीय अनुमतियों को लेकर पिछले एक महीने से सिया अध्यक्ष और प्रमुख सचिव के बीच चले घटनाक्रम के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अवगत करा दिया है। वरिष्ठ अधिकारी कानूनी सलाहकारों के साथ मिलकर सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का पक्ष रखने के लिए जवाब तैयार करने में जुटे हैं। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों के साथ चर्चा भी हुई है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर सर्वोच्च न्यायालय के नामचीन वकीलों को खड़ा किया जा सकता है। याचिका की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ करेगी। इस मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सिया अध्यक्ष, पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया जा चुका है।
अनुमतियां निरस्त करने के पक्ष में नहीं
पर्यावरण विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव नवनीत कोठारी और सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 और पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 का उल्लंघन करते हुए खदान, उद्योग एवं अन्य संस्थाओं से जुड़ी 237 पर्यावरणीय अनुमतियां जारी की गई थीं। अब उन्हें निरस्त किया जा सकता है। बताया गया कि पर्यावरण विभाग के अपर प्रमुख सचिव एवं अन्य अधिकारी नियम विरुद्ध दी गई पर्यावरणीय अनुमतियां निरस्त करने के पक्ष में नहीं है। वे जवाब तैयार करा रहे हैं। सिया के अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान ने नियम विरुद्ध अनुमतियां जारी करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य शासन को 30 से ज्यादा पत्र लिखे। सिया अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में प्रमुख सचिव कोठारी और सचिव उमा माहेश्वरी के खिलाफ नियम विरुद्ध पर्यावरणीय अनमतियां देने के मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की भी सिफारिश की थी। सिया अध्यक्ष द्वारा शासन को लिखे गए पत्रों के आधार पर ही सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई थी।