30 करोड़ में वैध होंगे प्रदेश में 2229 अवैध निर्माण

अवैध निर्माण
  • अवैध निर्माण को वैध कराने का अवसर ….

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार ने जब से अवैध निर्माण को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की है तब से प्रदेशभर में 2,229 भवन मालिकों ने आवेदन किया है। इसके लिए नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में कुल 29,45,18,193 रुपए जमा कराए गए हैं। 200 से ज्यादा आवेदनों की जांच की जा रही है। इनमें सबसे ज्यादा आवेदन बिना भवन अनुज्ञा के किए गए निर्माण के हैं।
    कई ऐसे भी आवेदन हैं जो 30 प्रतिशत वैध करने के बाद भी अवैध निर्माण के आकार से अधिक है। गौरतलब है कि 22 फरवरी तक अपने 30 फीसदी तक के अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस दौरान निर्माण के हिसाब से जो शुल्क निर्धारित होगा उसमें 20 प्रतिशत की छूट भी राज्य सरकार देगी।  गौरतलब है कि अवैध निर्माण को वैध कर सरकारी खजाना भरने के चलते राज्य सरकार ने दरें निर्धारित कर दी है। 30 फीसदी तक अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए अब कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से 10 फीसदी तक कंपाउंडिंग शुल्क चुकाना होगा। आम जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। जिसका फायदा उठाने के लिए प्रदेश में अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं।
    इंदौर में सबसे अधिक तो रतलाम में एक भी आवेदन नहीं
    अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए 16 नगर निगमों में से इंदौर में 1219 भवन मालिकों ने 25 करोड़ रुपए देकर अवैध निर्माण को वैध करने आवेदन किया है। दूसरे नंबर पर भोपाल है। यहां 531 लोगों ने आवेदन किया है। वहीं उज्जैन में 108, जबलपुर में105, सागर में 32, ग्वालियर में 26, रीवा में 18, सिंगरौली में 10, सतना में 08, देवास में 06, बुरहानपुर में 06, कटनी में 06, खंडवा में 05, मुरैना में 03, छिंदवाड़ा में 03 आवेदन हुए हैं, जबकि रतलाम नगर निगम में एक भी आवेदन नहीं आया है। प्रदेश में बाईस सौ से अधिक भवन मालिकों ने अवैध निर्माण को वैध करने 29 करोड़ 45 लाख रुपए से ज्यादा जमा किए हैं।
    अवैध निर्माण का किया जा रहा आंकलन
    राशि जमा करने के बाद नगरीय निकाय अवैध निर्माण का आंकलन कर उसे नियमित करने का काम कर रहा है। जीआईएस (ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे रिपोर्ट आने से पहले निकायों ने भवन मालिकों को 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को वैध करने के लिए 28 फरवरी 2022 तक का समय दिया है। इस दौरान पेनल्टी में 20 फीसदी की छूट दी जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव का कहना है कि अवैध निर्माण को वैध कराने लोगों को कार्यालय में आवेदन लेने के बजाय ऑनलाइन आवेदन लेकर नियमितीकरण की प्रक्रिया की जा रही है। सरकार ने अवैध निर्माण को वैध करने का अवसर दिया है। लोगों को उसका लाभ उठाना चाहिए।
    193 नगर परिषदों में एक भी आवेदन नहीं
    प्रदेश सरकार से अवैध निर्माण को वैध कराने की छूट के बावजूद फिलहाल 193 नगर परिषदों में एक भी आवेदन नहीं आया हैं। वहीं नगर निगमों में 2072 प्रकरणों में 292819568 रुपए जमा किए गए हैं। नगर पालिकाओं में 106 प्रकरणों में 1111900 रुपए तो नगर परिषदों में 51 प्रकरणों में 586725 रुपए जमा किए गए हैं। अपने अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए एबीपीएएस ( ऑटामेटेड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम-2) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन स्वयं या पंजीकृत कंसल्टेंट के माध्यम से आवेदन करना होगा। मकान का नक्शा, अन्य दस्तावेज अपलोड करें। दस्तावेज जांचने और स्थल का निरीक्षण करने के बाद उसे निर्माण को वैध करने की कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles