
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चार लाख रुपए रिश्वत लेते केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दबोचे गए सेंटल जीएसटी के अस्स्टेिंट कमिश्नर विवेक वर्मा और निरीक्षक सचिन खरे को गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायालय में पेश किया गया। यहां सीबीआई ने न्यायालय से कहा कि जिस आरोप में इन दोनों अधिकारी और कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है इसकी श्रृंखला लम्बी हो सकती है इसलिए विस्तृत जानकारी के लिए इनकी न्यायिक हिरासत आवश्यक है। इस पर न्यायालय ने पूछा कि अभी तक इन्होने सहयोग किया है या नहीं, इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के बाद भी अभी और जानकारी इनसे मिल सकती है इस पर सीबीआई के आवेदन को देखते हुए न्यायालय ने दोनों ही आरोपियों को आगामी 22 दिसम्बर तक के लिए रिमाण्ड दे दी है। अब सीबीआई द्वारा दोनों ही अधिकारी और कर्मचारी से पूछताछ करने का रास्ता खुल गया है। बता दें कि सीबीआई लगातार दोनों आरोपियों से अब तक किन-किन होटल यो अन्य कारोबारियों के साथ इस तरह लेनदैन किया गया है, साथ ही सेंट्रल जीएसटी के दफ्तर से जुड़ी फाइल और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल भी कर रही है। उल्लेखनीय है कि होटल व्यवसायी विवेक त्रिपाठी की शिकायत पर बुधवार को दिन में सीबीआई ने दोनों ही अधिकारी और कर्मचारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
दिन भर रही हडक़ंप की स्थिति
गौरीघाट रोड स्थित सेंट्रल जीएसटी के उपायुक्त दफ्तर में हुई इस कार्रवाई से दिन भर हडक़ंप की स्थिति बनी रही। बताया जा रहा है कि होटल कारोबारी विवेक त्रिपाठी के एक ओयो ट्रांजेक्शन पर आपत्ति निकालकर सचिन खरे द्वारा उनसे दस लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी जिसकी पहली किश्त चार लाख रुपए दी गई थी।
लगातार नजर रख रही थी सीबीआई
चूंकि शिकायत के बाद से ही सीबीआई द्वारा सचिन खरे और विवेक वर्मा सहित अधीक्षक मुकेश बर्मन पर भी नजर रखी जा रही थी लेकिन गुरुवार को मुकेश बर्मन को सीबीआई ने पेश नहीं किया है। इस सम्बंध में कहा जा रहा है कि मुकेश बर्मन फरार हो गया है लेकिन कल तक मुकेश बर्मन को भी पकड़े जाने की खबर रही है।
