प्रदेश के 19 विश्वविद्यालयों में 1,683 पद खाली

विश्वविद्यालयों
  • मध्यप्रदेश में एनईपी लागू…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक और आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें एविएशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, वेब डिजाइनिंग जैसे पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों के 80 फीसद पद खाली होने के कारण विद्यार्थियों की रुचि इन पाठ्यक्रमों में नहीं है। इन पाठ्यक्रमों में चार या पांच विद्यार्थी प्रवेश ले रहे हैं। प्रदेश के 19 सरकारी विश्वविद्यालयों में 2103 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। इनमें अब तक सिर्फ 420 पद पर ही पदस्थ हैं, बाकी 1683 पद खाली हैं। विश्वविद्यालयों के साथ ही कालेजों में भी यही स्थिति है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय नैक को ग्रेडिंग में भी पिछड़े हैं। इस संबंध में विधानसभा सत्र के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल पूछा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। इन पदों को भरने के लिए शासन द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि रिक्त पदों को भरने के लिए समय-समय पर विज्ञापन जारी कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
प्रदेश के चार विवि में एक भी शिक्षक नहीं है
प्रदेश के चार विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिनमें एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। इनमें महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि छतरपुर, क्रांतिसूर्य टंटया भील विवि खरगोन, क्रांतिवीर तात्या टोपे विवि गुना, रानी अवंतीबाई विवि सागर में शिक्षकों के 140 स्वीकृत पद हैं, लेकिन सभी खाली हैं। इनमें एक भी नियमित शिक्षक नहीं है।
राजधानी के विवि में 93 फीसद पद खाली
राजधानी के भोज मुक्त विवि में 93 फीसद पद खाली है, जबकि विवि में 84 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। साथ ही करीब एक लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां पर सिर्फ चार नियमित शिक्षक हैं और 50 पद खाली है। ऐसा ही हाल बरकतउल्लाह विवि (बीयू) का है। यहां पर 65 फीसद शिक्षकों का पद खाली है। ऐसे में विद्यार्थी भी प्रवेश नहीं ले रहे हैं।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन की यूनिवर्सिटी में भी टीचर नहीं
यूनिवर्सिटी में टीचर्स के पदों की यह स्थिति नए विश्वविद्यालय की ही नहीं, बल्कि सीधे सरकार की नाक के नीचे राजधानी भोपाल में चल रहे विश्वविद्यालय की भी है. भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल में पढ़ाई सिर्फ 36 टीचर्स के भरोसे हो रही है. यूनिवर्सिटी में 69 पद खाली पड़े हैं. उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में भी टीचर्स के 161 में से 117 पद खाली हैं. इनमें 57 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली हैं।

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