
- राज्य सेवा के अफसरों को अखिल भारतीय सेवा में पदोन्नत करने की तैयारी
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सेवा के 21 अफसरों को अखिल भारतीय सेवा के अफसरों में शामिल आईएएस और आईपीएस बनाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए राज्य स्तर पर पैनल तैयार कर लिया गया। यह बात अलग है कि इस बार भी राज्य की अन्य सेवाओं के अफसरों को आइएएस बनने का मौका नहीं मिलेगा। इस बार राज्य प्रशासनिक सेवा के 16 और राज्य पुलिस सेवा के 5 अफसरों को पदोन्नति मिलेगी। जानकारी के मुताबिक जून के दूसरे सप्ताह में यूपीएससी में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हो सकती है। जिसमें इन अफसरों को आईएएस-आईपीएस अवॉर्ड की मंजूरी मिलेगी।
कैसे होती है आईएएस अवॉर्ड की प्रक्रिया
आईएएस अवॉर्ड के लिए राज्य सरकार राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की सूची तैयार कर यूपीएससी को भेजती है। यूपीएससी अध्यक्ष किसी एक सदस्य को नॉमिनेट करता है। वह सदस्य मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के साथ बैठक कर लिस्ट को अंतिम रूप देता है। समिति के नामों की सिफारिश किए जाने के बाद इसे डीओपीटी को भेजा जाता है। जहां से आईएएस अवॉर्ड की अधिसूचना जारी की जाती है। इस साल आईएएस के लिए वरिष्ठता सूची के आधार पर 2006 और 2007 बैच के अफसरों को मौका मिला है। आईपीएस के लिए 1997-98 बैच के अफसरों के नाम शामिल किए गए हैं। बता दें कि एक पद के लिए 3 नामों का प्रस्ताव तैयार किया जाता है।
प्रस्ताव में 2007 बैच के 7 अफसर भी शामिल
इनके अलावा 2007 बैच के 7 और 2008 के दो अफसरों के नाम को भी प्रस्ताव में शामिल किया गया है। 2007 बैच के अफसरों में उपसचिव स्तर के 4 अफसर शामिल किए गए हैं। इनमें सपना लौवंशी, उपायुक्त (राजस्व), इंदौर संभाग, नीता राठौर, मुख्य महाप्रबंधक, पूर्व क्षेत्र वि. वि. क., जबलपुर, शैलेंद्र सिंह सोलंकी, अपर संचालक, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, इंदौर, रानी पासी, उप सचिव, लोकायुक्त कार्यालय, भोपाल, रंजना देवड़ा, उप सचिव, आयुष विभाग, माधवी नागेंद्र, उप सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, वर्षा सोलंकी, उप सचिव, पर्यावरण विभाग इसी तरह से 2008 बैच के दो अफसरों का नाम पैनल में शामिल है। इनमें प्रियंका गोयल, अतिरिक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल, अभिषेक दुबे, सीईओ, जिला पंचायत गुना के नाम शामिल हैं।
अन्य सेवाओं के अफसरों को मौका नहीं
अन्य सेवाओं के अफसर इस साल भी आईएएस नहीं बन पाएंगे। राज्य शासन ने केवल राज्य प्रशासनिक सेवा के ही अफसरों को आईएएस में प्रमोट करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अन्य सेवाओं के अफसरों को आईएएस बनाने के लिए सरकार पहले नियम बनाएगी। जबकि राजस्थान सरकार ने अन्य सेवाओं के 4 अफसरों को आईएएस बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। अन्य सेवाओं के अफसर पिछले 9 साल से आईएएस बनने का इंतजार कर रहे हैं। आखिरी बार 2016 में अन्य सेवा के 4 अफसर आईएएस के लिए प्रमोट हुए थे। उनमें से तीन रिटायर हो चुके हैं और आखिरी अफसर इसी साल जुलाई में रिटायर होंगे।
दो साल के पदों के लिए होगी डीपीसी
इस साल 2023 और 2024 के 8-8 यानी 16 पदों के लिए डीपीसी होगी। दरअसल, 2023 में जिन आठ पदों के लिए डीपीसी होनी थी, वह यूपीएससी को देर से प्रस्ताव भेजने के कारण नहीं हो पाई थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने डीपीसी के लिए प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव के अनुमोदन के लिए भेजा था। इसमें एसएएस के पदों के साथ नॉन एसएएस (अन्य सेवा) के पदों का भी प्रस्ताव भेजा गया था। इसको लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने विरोध जता दिया। तब एसएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और विरोध में ज्ञापन सौंपा था। ऐसा 2021-2022 में भी हुआ था।
आईपीएस के 5 पदों के लिए 15 अफसरों का पैनल
राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा के लिए होने वाली डीपीसी की बैठक जून के पहले सप्ताह में संभावित है। गृह विभाग ने बीते हफ्ते ही पैनल तैयार कर यूपीएससी को भेजा जा चुका है। 5 पदों के लिए 1997 और 1998 बैच के 15 अफसर सिलेक्ट किए गए हैं। इसमें से दो अफसरों की जांच के कारण लिफाफे बंद रह सकते हैं। इसी तरह से 1998 बैच के 8 और अफसरों के नाम इसमें शामिल किए गए हैं। इनमें ग्वालियर के लोकायुक्त एसपी राजेश कुमार मिश्रा और डीजीपी के पीएसओ मलय जैन का नाम भी शामिल है। मलय जैन, पीएसओ टू डीजीपी, अमित सक्सेना, जोनल एसपी, विशेष शाखा पीएचक्यू मनीषा पाठक सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रेल इंदौर, सुमन गुर्जर, पुलिस अधीक्षक पीटीएस, तिघरा ग्वालियर, संदीप मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दमोह, सव्यसाची सराफ, सहायक पुलिस महानिरीक्षक, चयन पीएचक्यू, समर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जबलपुर।