प्रदेश में एक साल में 1500 हत्याएं 3800 बलात्कार के मामले दर्ज

  • पुलिस कमिश्नर सिस्टम भी अपराध कम नहीं कर पाया

गौरव चौहान
प्रदेश के भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुए 4 साल हो गए। यह प्रणाली इसलिए लागू की गई थी अपराधों में नियंत्रण होऔर दर्ज मामलों का निराकरण करने में तेजी आए। पुलिस और जिला प्रशासन के अलग-अलग अधिकारियों के कारण देरी या व्यवस्था उलझी रहती थी। बावजूद बड़े शहरों में अपराधों में नियंत्रण नहीं हो पाया है। इसका खुलासा राज्य विधानसभा में मंगलवार को सरकार द्वारा दिए गए लिखित जवाब से हुआ है। बलात्कार और अपहरण के मामलों में इंदौर शहर प्रदेश के सभी जिलों से आगे है। अपहरण के मामले में भोपाल तीसरे स्थान पर है। कांग्रेस विधायक आतिफ अकील के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह जानकारी सदन में दी। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, डकैती के मामले में धार जिला पूरे प्रदेश में आगे है। इस जिले में एक साल के अंदर डकैती के 12 प्रकरण दर्ज हुए हैं। वहीं अपहरण के 439 और बलात्कार के 125 और हत्या के 34 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं शिवपुरी, दतिया, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, नीमच, सिवनी पांढुर्ना, बालाघाट सहित 23 जिलों में डकैती के एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं।
5 साल में पराली जलाने पर 546 किसानों पर मामले दर्ज
सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि मप्र में 5 सालों में पराली जलाने के मामले में पुलिस ने 546 किसानों पर एफआईआर दर्ज की है। विधायक सुजीत मेर सिंह के लिखित जवाब में सीएम ने यह जानकारी सदन में दी। जानकारी में बताया कि 1 मई 2020 से 11 नवंबर 2025 की अवधि के दौरान सबसे ज्यादा प्रकरण 226 छिंदवाड़ा में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा इंदौर ग्रामीण 20, दतिया 11, उज्जैन 5, कटनी, सागर 37, छतरपुर 30 मामले दर्ज हुए।
20 माह में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों पर 164 मामले दर्ज, सबसे ज्यादा भोपाल में
प्रदेश में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों पर दो साल की अवधि में 164 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा मारपीट, हत्या, चोरी सहित अन्य प्रकरण है। इनमें सबसे ज्यादा भोपाल में 25 और ग्वालियर में 20 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसमें अभिरक्षा में मौत का एक मामला शामिल है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य बाला बच्चन के पूछे सवाल के लिखित जवाब में सदन में दी। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 20 महीने में भोपाल में कुल 25 मामले में बलात्कार के 5 मामले हैं। वहीं, मारपीट के 116 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। साथ ही हत्या, चोरी के मामले भी दर्ज है। जानकारी के अनुसार, बालाघाट, रीवा और गुना 8-8, शिवपुरी, अशोक नगर, रतलाम, कटनी 6-6, सिवनी 7, छतरपुर 5, इंदौर शहर, टीकमगढ़ 4-4 प्रकरण दर्ज हुए हैं।
जबलपुर इन अपराधों में आगे
जबलपुर जिले में हत्या, लूट, चोरी, डकैती आदि। जिले में एक साल के अंदर कुल 20 हजार से अधिक अपराध दर्ज हुए हैं। वहीं सर्वाधिक अपराध दर्ज के मामले में दूसरे नम्बर (19,449) पर इंदौर शहर, तीसरे नम्बर पर भोपाल शहर (17,204) का नाम है। सरकार का मानना है कि जिन जिलों में जनसंख्या ज्यादा है वहां अपराध भी ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
गंभीर अपराधों के एक साल के आंकड़े
इंदौर 764 259 61 74 2
भोपाल 531 220 37 31 1
जबलपुर 539 165 67 76 7
ग्वालियर 305 213 88 17 1

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