
- खनिज के अवैध खनन, भंडारण और परिवहन पर सरकार की सख्ती …
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अवैध खनन सबसे बड़ी समस्या बन गया है। सरकार की कोशिशों के बावजूद प्रदेश में अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इसलिए प्रदेश सरकार अब खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर कार्रवाई करने के लिए एक नियम लागू करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने मप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम-2021 तैयार किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हो रही कैबिनेट बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसके तहत अवैध उत्खनन एवं भंडारण के मामले में रॉयल्टी का 15 गुना और इसके बराबर राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में ली जाएगी। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर जब्त वाहन और मशीनों को राजसात करने के साथ दंड की राशि दोगुनी किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
कैबिनेट बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए नियमों में संशोधन के लिए मंत्री समिति बनाई गई थी। समिति ने मध्य 5 प्रदेश गौण खनिज नियम 1996, मध्य प्रदेश खनिज नियम 2006 और मध्य प्रदेश रेत नियम 2019 को निरस्त करके एक ही नियम बनाने की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर खनिज विभाग ने नए नियम प्रस्तावित किए हैं।
निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश
प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने और उन्हें सुविधा मुहैया कराने के लिए दो नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जाएंगे। यह भोपाल के बगरौदा गोकलाकुंडी और सीहोर के बडियाखेडी में होंगे। यहां निवेशकों को विकसित भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। ये दोनों औद्योगिक केन्द्र नर्मदा एक्सप्रेस वे का हिस्सा होंगे। भोपाल में 23वीं एवं 25वीं वाहिनी परिसर में 50 बिस्तर का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाया जाएगा इसमें मप्र पुलिस के सभी स्वास्थ्य केंद्रों से स्थानांतरित किए जाने वाले पुलिसकर्मियों का इलाज किया जाएगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी।
विकास योजनाओं को मिलेगी हरी झंडी
कैबिनेट में कई विकास योजनाओं का हरी झंडी दी जाएगी। ग्वालियर में ट्रिपल आइटीएम कॉलेज से महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा तक स्वर्ण रेखा नाले के ऊपर फोरलेन फ्लायओवर बनाया जाएगा। लगभग साढेÞ छह किलोमीटर लंबे 446 करोड़ रुपए की लागत वाले इस फ्लाई ओवर के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति के साथ आगामी कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग को अधिकृत करना प्रस्तावित है। वहीं प्रदेश के सभी 412 नगरीय निकायों में सरकार अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के दूसरे चरण को लागू करेगी। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके अनुसार पाइप लाइन एवं घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय, अमृत शहरों में सीवरेज प्रबंधन तथा उपचारित जल के फिर से उपयोग को प्रोत्साहन, जलीय संरचनाओं और हरित क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।