राशन की पात्रता सूची से हुए 15 लाख बाहर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
सरकार ने ऐसे 15 लाख लोगों के नाम राशन की पात्रता सूची से हटा दिए हैं, जो अपात्र होने के बाद भी लंबे समय से गरीबों को मिलने वाले राशन पर डांका डाल रहे थे। सरकार द्वारा ई केबायसी कराने की शुरुआत की गई तो इन लोगों ने राशन लेना ही बंद कर दिया। यह सभी बीते चार माह से राशन लेने ही नहीं आए हैं। दरअसल, राशन लेने जाते तो उन्हें पहले ई- केवायसी करानी पड़ती जिससे उनकी आय का खुलासा हो जाता। दरअसल प्रदेश में ऐसे लाखों की संख्या में उपभोक्ता हैं , जो गरीब बनकर सरकारी राशन ले रहे हैं। इनमें ऐसे भी लोग हैं, जो लग्जरी वाहन का उपयोग करते हैं और उनके घरों पर विलासिता की सभी वस्तुएं भी हैं।
यही वजह है कि सरकार के अब उनकी ई केवायसी करानी पड़ रही है। पुराने नाम हटने के बाद अब अब ई-केवायसी से नए लाभार्थियों को जोड़ा जाना है। खाद्य मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत का कहना  है कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में राज्य सरकार ने अपात्र लाभार्थियों के नामों की छानबीन शुरू की है, जिससे योजना का लाभ सही लोगों को मिल सके। अब तक 15 लाख ऐसे हितग्राही चिह्नित किए गए हैं, जो चार महीने से राशन लेने नहीं आए हैं। इन नामों को सूची से हटा दिया गया है। इसके स्थान पर नए पात्र लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि योजना से मिलने वाला निशुल्क खाद्यान्न केवल जरूरतमंदों तक पहुंचे। प्रदेश में अभी भी 83 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी  ई-केवायसी होनी है। इसके तहत लाभार्थियों की  पहचान आधार आधारित बायोमैट्रिक सत्यापन से की जा रही है, जिससे अपात्रों के नाम सूची से हटाए जा सकें और नए पात्र हितग्राहियों को शामिल किया जा सके।
हर माह 2.90 लाख टन खाद्यान्न वितरण

राज्य सरकार हर महीने करीब 2.90 लाख टन खाद्यान्न वितरित करती है, जिसमें 1.74 लाख टन चावल और 1.16 लाख टन गेहूं शामिल है। खाद्य सुरक्षा योजना में सुधार के तहत, सरकार ने गेहूं के कोटे में वृद्धि और चावल के कोटे में कमी की सिफारिश केंद्र से की है, क्योंकि गेहूं की खरीदी अब पूरी हो चुकी है।
अपात्रों को राशन मिलने की शिकायतें
खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्रों को राशन मिलने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस प्रक्रिया को लागू किया है। इसके तहत अब प्रत्येक लाभार्थी की पहचान को आधार कार्ड के जरिए सत्यापित किया जा रहा है। इससे यह तय हो सकेगा किया जा सकेगा कि केवल पात्र परिवारों को ही राशन मिल सके।
समग्र डेटा के जरिए सुधार
सरकार ने इस छानबीन के लिए समग्र डेटा का उपयोग किया है, ताकि हर परिवार की सही जानकारी सुनिश्चित की जा सके और लाभार्थियों की सूची को अपडेट किया जा सके। इस पहल के जरिए, प्रदेश में खाद्यान्न वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और इससे अपात्रों को मिलने वाली सुविधाएं रोकी जा सकेंगी। सरकार का कहना है कि इस योजना के माध्यम से समाज के हर वर्ग के जरूरतमंद व्यक्तियों को राशन देने का उद्देश्य है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे।

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