सूबे के 11 हजार गांवों को जल संकट से मिलेगी मुक्ति

जल संकट

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के उन 11 हजार गांवों के लिए अच्छी खबर है, जहां पर पानी का संकट हमेशा बना रहता था , लेकिन इसके बाद भी उन्हें जल जीवन मिशन में जगह नहीं मिल सकी थी। आखिरकार राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के चलते इन गांवों को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाले जल जीवन मिशन में शामिल कर ही लिया गया है। दरअसल इन गांवों को पहले जलजीवन मिशन कार्यक्रम में शामिल करने से महज इसलिए इंकार कर दिया गया था कि उनमें बारहमासी पानी का एक भी स्त्रोत नहीं है। अब इन सभी गांवों की डीपीआर तैयार कराई जा रही है जिसे इस माह के अंत तक जारी कर दिया जाएगा। इन गांवों में रहने वाले लोगों के घरों तक इसके बाद पानी पहुंचाने के लिए सत्रह हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे।
इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लगभग सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यसचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी के अनुमोदन के बाद इसके टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद काम शुरु कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब इक्यावन हजार से अधिक गांव है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 तक प्रदेश के हर घर में जल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। यही वजह है कि तय लक्ष्य में काम पूरा हो, यह तय करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मिशन के कामकाज की नियमित समीक्षा भी की जाती है। अब तक लगभग आधे गांवों में विभिन्न योजनाओं के तहत नल से पानी पहुंचाया जा चुका है। इन गांवो में से 436 गांवों को पहले टेंडर में शामिल किया गया है।  इसके अलावा 515 गांव या तो नगर निगम, नगरपालिका या नगर पंचायत में शामिल हो चुके हैं या फिर वे वीरान है या जंगल में है। इसके अलावा 2094 गांवों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है, 7010 गांवों के प्रस्ताव की स्वीकृति जल्द दी जाएगी। समूह योजना में 3072 तथा एकल ग्राम घर में जल पहुंचाने का समय से पहले जल जीवन मिशन का कार्य योजना में 3296 गांव शामिल किए गए हैं। शेष 642 गांवों की डीपीआर भी मासांत तक पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के सभी गांव जल जीवन मिशन में शामिल हो जाएंगे।
तीन साल पहले शुरू हुआ था मिशन  
जल जीवन मिशन स्कीम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में 15 अगस्त 2019 को की गयी। देश के लगभग 50 फीसदी ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहां अभी भी लोगो को पानी की समस्या होती है उन क्षेत्रों में पीने के पानी को पहुंचाने के लिए मोदी की ने इस स्कीम का शुभारम्भ किया था। मिशन के आंकड़ों के तहत अभी तक 18.33 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को पानी की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है।

Related Articles