
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। साइप्रस पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (स्थानीय समय) को भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए भारत की अहम प्रगति और आर्थिक ताकत पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने कहा, साइप्रस, भारत के लिए एक भरोसेमंद साझेदार रहा है और उसने देश में महत्वपूर्ण निवेश किया है। कई भारतीय कंपनियों ने साइप्रस में अपनी उपस्थिति भी स्थापित की है, जिसे यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। भारत और साइप्रस के बीच आपसी व्यापार 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, लेकिन पीएम मोदी का मानना है कि विकास और सहयोग की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं।
भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, साइप्रस लंबे वक्त से हमारा भरोसेमंद साझेदार रहा है और यहां से भारत में महत्वपूर्ण निवेश हुआ है। कई भारतीय कंपनियां भी साइप्रस आई हैं। एक तरह से साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। आज आपसी व्यापार 150 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, लेकिन हमारे संबंधों की क्षमता इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत पर बात की, जिसके साथ देश भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के तेजी से विकास और साइप्रस के साथ सहयोग की इसकी क्षमता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा, पिछले एक दशक में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले वक्त में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
आज भारत के पास एक स्पष्ट नीति है
आज भारत के पास एक स्पष्ट नीति है। प्रधानमंत्री ने फ्रांस की तरह साइप्रस को भी यूपीआई में शामिल करने के लिए बातचीत का स्वागत किया और कहा, फ्रांस जैसे कई देश इससे जुड़े हुए हैं। साइप्रस को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है और मैं इसका स्वागत करता हूं। पीएम मोदी ने नए विनिर्माण मिशन, समुद्री और बंदरगाह विकास, जहाज निर्माण और तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन क्षेत्र सहित फोकस सेक्टर्स के बारे में भी विस्तार से बताया।
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में सहयोग करने पर सहमति जताई है, जिससे आर्थिक सहयोग और निवेश के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस साल के अंत तक यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो पिछले महीने ब्रिटेन के साथ हुई महत्वाकांक्षी एफटीए पर हुई बातचीत और सहमति के बाद प्राप्त गति पर आधारित होगा।