मंत्रिमंडल में शामिल होंगे 10 से 12 नए चेहरे…

मंत्रिमंडल

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा ने जिस फॉर्मूले के दम पर गुजरात में 156 सीटें जीतीं, वही फॉर्मूला अब पार्टी मप्र में भी आजमाने वाली है। इसके तहत करीब 30 प्रतिशत विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। टिकट उनके कटेंगे, जिनकी सर्वे में रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं चुनावी रणनीति के तहत अगले माह मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। मंत्रिमंडल में 10-12 नए चेहरे शामिल किए जाएंगे।
वहीं टिकट कटने वाले मंत्री कैबिनेट से बाहर किए जाएंगे। दरअसल, मप्र में भाजपा सरकार भारी एंटी इनकम्बेंसी से जूझ रही है। अभी जो सर्वे रिपोट्र्स आ रही हैं, उनमें पार्टी को सिर्फ 60 से 70 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए। इधर कांग्रेस के लिए खुशी की बात ये है कि सर्वे में उसे भी बहुमत मिलता नहीं दिख रहा। कांग्रेस को 107 से 110 सीटें मिलने की उम्मीद है।
25 फरवरी के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
शिवराज सरकार का तीसरा और अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार और बड़ा फेरबदल साल के सबसे छोटे महीने फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है, क्योंकि 25 फरवरी तक भाजपा की विकास यात्रा निकलेगी। 10 से 12 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने के संकेत हैं। मंत्रिमंडल में फिलहाल चार पद खाली हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रियों में 6 से 8 की छुट्टी हो सकती है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री को मिलाकर कैबिनेट में 31 सदस्य हैं। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 35 सदस्य हो सकते हैं। इन चार खाली पदों को भरे जाने के साथ ही नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है। हाल ही में हुई दो कोर कमेटियों में इस पर सहमि बन गई है, क्योंकि कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची थी। भाजपा प्रदेश में 5 से 25 फरवरी तक विकास यात्रा निकालेगी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान मंत्रियों और विधायकों की क्षेत्र में परफॉर्मेंस के बेस पर फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी, जो मंत्रिमंडल विस्तार का आधार होगी। इस यात्रा से पहले मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर जमीनी हकीकत का आंकलन भी करेंगे।
पीएम के पास सभी रिपोट्र्स पहुंचीं
भाजपा के एक सीनियर लीडर ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि सरकार में बदलाव और टिकट काटने के फैसले के पीछे 3 सर्वे हैं। संघ, मप्र सरकार और संगठन ने अपना अलग-अलग सर्वे करवाया है। ये सभी रिपोट्र्स पीएम मोदी के ऑफिस में पहुंच चुकी हैं। फरवरी के पहले हफ्ते तक वहां से आदेश मिल जाएंगे कि किस स्ट्रेटजी के तहत चुनाव लड़ना है। भाजपा सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा उन मंत्रियों को घर बैठाया जाएगा, जिनका परफॉर्मेंस ठीक नहीं है।

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