सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में विभागों की रुचि नहीं

सीएम हेल्पलाइन

300 दिन बाद भी 800 से अधिक शिकायतों का नहीं हुआ निराकरण

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।   आमजन की शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन योजना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है 300 दिन बाद भी 800 से अधिक शिकायतों का निराकरण नहीं हो पाया है। दरअसल, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में विभागों की रूचि नहीं है। यही कारण है कि सीएम हेल्पलाइन की दिसंबर माह में दो तारीख तक की रिपोर्ट में 193 विभागों की 10107 शिकायतें चार श्रेणी में लंबित हैं।  
गौरतलब है कि विभागों की भर्राशाही और लापरवाही से परेशान होकर लोग सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं। लेकिन यहां भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। आलम यह है कि 842 शिकायतों को 300 दिन बीत गए हैं, लेकिन उनका निराकरण नहीं हो पाया है। सबसे बुरी स्थिति पिछड़ा वर्ग विभाग की है। इस विभाग की 1415 शिकायतें लंबित हैं। इसके बाद राजस्व विभाग की 972 शिकायतें, पुलिस की 591 खाद्य आपूर्ति विभाग की 379 और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की 377 शिकायतें लंबित हैं। यह हालात तब है, जब सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा संभागायुक्त के साथ ही कलेक्टर प्रत्येक सप्ताह कर रहे हैं। बावजूद इसके प्रकरणों का निराकरण करने में अफसर फिसड्डी बने हुए हैं।

दस हजार से अधिक मामले लंबित
सीएम हेल्पलाइन में दस हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इससे साफ होता है कि अफसर भी हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यहां शिकायत करने वालों को एक नंबर मिलता है। साथ ही उसकी सहमति के बाद ही शिकायत बंद की जा सकती है। लेकिन जब उसकी शिकायत बिना हल किये हुए बंद कर दी जाती है तब उसे हकीकत पता चलती है। सीएम हेल्पलाइन में सहकारिता  विभाग से जुड़ी कई शिकायतों पर अफसर सीधा जवाब तक नहीं देते। ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। हालांकि कई शिकायतें तो बिना सिर पैर के साथ ही व्यक्तिगत होती हैं। पिछले दिनों अफसरों की बैठक में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सीएम हेल्पलाइन के पेंडिंग मामलों को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने साफ कर दिया था कि इस मामले में लापरवाही नहीं चलेगी। मामले लंबित होने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

पिछड़ा वर्ग और राजस्व विभाग सबसे लापरवाह
मुख्यमंत्री, संभागायुक्त और कलेक्टर की बार-बार की हिदायत के बाद भी विभाग शिकायतों के निराकरण में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। भोपाल की शिकायतों के निराकरण में  पिछड़ा वर्ग और राजस्व विभाग सबसे लापरवाह निकले हैं। पिछड़ा वर्ग के 1415 मामले तो राजस्व विभाग के 972 मामले लंबित है। वहीं पुलिस के 591, खाद्य आपूर्ति विभाग के 379, बरकतउल्ला विवि के 377, ऊर्जा विभाग के 323, सामान्य प्रशासन विभाग के 310, आरजीपीवी के 258, चिकित्सा शिक्षा विभाग के 256 और संस्थागत वित्त के 240 मामले लंबित हैं। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद आम जनता को लगता है कि उसकी परेशानी का निराकरण हो जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। इसका उदाहरण आवारा पशुओं को लेकर की गई शिकायतों को देख कर लगाया जा सकता है। नगर निगम में आवारा कुत्तों की गली- गली घूमने और बच्चों को परेशान करने की ही 25 शिकायतें लंबित हैं। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में आतंक का सबब बने सुअरों की ही 24 शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं। इनका निराकरण आज तक नहीं हुआ। अफसरों को एक बार फिर बड़ी घटना का इंतजार है।

Related Articles