
नई दिल्ली । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को रेलवे से मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा, भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले छह महीनों में अपने कुल पूंजीगत व्यय का 59 प्रतिशत उपयोग किया। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि रेलवे ने इन छह महीनों में 38 संरचनात्मक और प्रक्रियात्मक सुधार किए। जिससे उसके समग्र प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिली। 2023-24 के लिए हमारा कुल बजट 2.4 लाख करोड़ रुपये है। जिसमें से हम चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। यह कुल बजट का 59 प्रतिशत है। वैष्णव ने कहा, “पहले, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाती थी, जो एक औपचारिकता की तरह थी। अब, हमने एक बहुत ही प्रामाणिक और विस्तृत डीपीआर के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की है। पहले की प्रणाली में दोष यह था कि डीपीआर प्रक्रिया टेबल-टॉप सर्वेक्षण पर आधारित थी और वास्तविक क्षेत्र की स्थिति को बाद में क्षेत्र सर्वेक्षण के दौरान निपटाया जाता था।
दिव्यांग व बुजुर्गों के लिए रेलवे ट्रेनों में रैंप की सुविधा देगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को नए डिजाइन किए गए रैंप की तस्वीरें जारी करते हुए बताया कि इनका उपयोग चेन्नई रेलवे स्टेशन पर किया गया है। सबसे पहले इसकी शुरुआत वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में की जाएगी और बाद में अन्य सभी ट्रेनों में इसे लगाया जाएगा। यह पहल जापान के ओसाका, टोक्यो में कई स्टेशनों में सात मिनट में सफाई वाले कन्सेप्ट के आधार पर आधारित है। वैष्णव ने कहा, यात्रियों को टिकट बुक करते समय व्हीलचेयर की जरूरत की जानकारी देने के लिए एक प्रणाली पर काम किया जा रहा है। इसमें एक अलर्ट जारी किया जा सकता है जिसे ऐसे यात्रियों के लिए रैंप तैयार रखने के लिए संबंधित रेलवे स्टेशनों को भेजा जा सकता है। रैंप को ट्रेन के दरवाजों पर आसानी से लगाया जा सकता है और इसकी चौड़ाई और कम ढाल के कारण व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए इसका इस्तेमाल करना आसान होगा। वैष्णव ने बताया कि इसके परीक्षण के दौरान यात्रियों से मिली प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक और उत्साहवर्धक थी।
वैष्णव ने एक अन्य जानकारी में बताया कि रेलवे 1 अक्तूबर से ट्रेनों की त्वरित सफाई के लिए ‘14 मिनट के चमत्कार’ की शुरुआत कर रहा है। इसमें सबसे पहले देशभर में 29 वंदे भारत ट्रेनों में सफाई की जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर इसकी शुरुआत करेंगे।दिल्ली कैंट के अलावा, वाराणसी, गांधीनगर, मैसूर और नागपुर में भी इस सुविधा की शुरुआत होगी। मंत्री ने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों की समयपालनता और टर्नअराउंड समय में सुधार की पहल के तहत 14 मिनट के भीतर सफाई की जाएगी। यह एक अनोखा कन्सेप्ट है और भारतीय रेलवे में पहली बार ऐसा होने जा रहा है। नए डिजाइन वाले स्लीपर कोच वाली पहली वंदे भारत ट्रेन फरवरी 2024 तक शुरू की जाएगी। रेलवे बहुत जल्द नए डिजाइन के साथ वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण शुरू करेगा। सूत्रों के मुताबिक वंदे भारत स्लीपर कोच के नए डिजाइन का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) करेंगे।