शी और पुतिन के न आने से जी-20 सम्मेलन के नतीजों पर नहीं पड़ेगा कोई असर: मीनाक्षी लेखी

मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जी-20 नेताओं की बैठक में शामिल नहीं होने से शिखर सम्मेलन के नतीजे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने शी और पुतिन की अनुपस्थिति को ज्यादा महत्व न देते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन के अंत में जारी किया जाने वाला घोषणापत्र लगभग तैयार हो चुका है और यह देशों का विशेषाधिकार है कि वे किसे भेजना चाहते हैं। लेखी ने कहा, बैठक में दोनों देशों का प्रतिनिधित्व होगा।

खबरों के मुताबिक, जिनपिंग अगले हफ्ते नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। चीन का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे। वहीं, पुतिन ने शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के अपने फैसले से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होगा।

जब लेखी से पूछा गया कि क्या चीन और रूस के शीर्ष नेताओं की गैरमौजूदगी का सम्मेलन पर कोई असर पड़ेगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘इन नेताओं की अनुपस्थिति का जी-20 शिखर सम्मेलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। घोषणापत्र को लेकर अधिकांश कार्य हो चुका है। यह उन देशों का विशेषाधिकार है कि वे जिसे चाहें उसे प्रतिनिधि के रूप में भेजें। सम्मेलन में दोनों देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुझे यकीन है कि इसके पीछे दोनों देशों के निजीकरण होंगे।

भारत ने मेगा इवेंट के लिए अतिथि देशों के रूप में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित किया है। जिन प्रमुख नेताओं ने सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है, उनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज शामिल हैं।

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