बहुविवाह खत्म होगा, चाहे कोई भी समुदाय हो: हिमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को दो बड़े राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों- बहुविवाह और चुनावी राजनीति पर तीखे बयान दिए। उन्होंने साफ कहा कि राज्य में पॉलीगैमी (बहुविवाह) किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वह किसी भी समुदाय में हो। साथ ही कांग्रेस पर भी चुनावी टिकट के लिए धन उगाही और मियां-बहुल सीटों पर निर्भरता का आरोप लगाया। पत्रकारों से बातचीत में सरमा ने कहा, ‘बहुपत्नी प्रथा खत्म होगी, चाहे कोई भी समुदाय हो। शिकायतें सभी समुदायों से आती हैं- हिंदू हों या मियां समाज के लोग। पहली पत्नी को परेशान करने वाले ऐसे मामलों को हम बख्शेंगे नहीं।’

उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुविवाह किसी एक समूह का मुद्दा नहीं है, लेकिन कुछ समुदायों में इसकी संख्या अधिक दर्ज की गई है। सरमा ने कहा, ‘यह सिर्फ मियांओं का मुद्दा नहीं है। हिंदू समाज में भी कई पुरुष दो-दो शादियां करते हैं। इसलिए कार्रवाई सब पर समान रूप से होगी।’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अवैध गतिविधियों, संदिग्ध पहचान और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी। उन्होंने कहा, ‘बेदखली अभियान जारी रहेगा, बहुविवाह खत्म होगा- मुझे कोई नहीं रोक सकता।’

चुनावी मुद्दों पर सरमा ने कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। उनका आरोप है कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 22 सीटों पर निर्भर रह गई है और मियां-बहुल सीटों को ‘ऑक्सीजन’ की तरह उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस उम्मीदवारों से टिकट के लिए एक करोड़ रुपए अग्रिम और तीन करोड़ बाद में मांग रही है। कई सीटों- श्रीजंगराम, बाघेरिया-मंडिया, सामरिया और दलगांव के लोगों ने खुद मुझे बताया है।’

सरमा ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं- अरुणोदोई और महिला उद्यमिता जैसी मियां समुदाय तक बराबर पहुंच रही हैं, और समुदाय से सरकार की कोई समस्या नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘समस्या सिर्फ तब होती है जब कुछ लोग सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करते हैं।’ मुख्यमंत्री के इन बयानों के बाद बहुविवाह और पहचान संबंधी मुद्दे एक बार फिर चुनावी बहस के केंद्र में आ गए हैं, जिससे असम की राजनीति में नई गर्मी महसूस की जा रही है।

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