श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अगले साल के मार्च महीने तक सात अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य तय किया है। इनमें देश के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ से जुड़ा पहला बिना-मानव वाला मिशन भी शामिल है। यह जानकारी इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव वी. नारायणन ने रविवार को दी। वे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय नौसेना के संचार उपग्रह सीएमएस-03 (जीसैट-7आर) के सफल प्रक्षेपण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है और सभी आवश्यक हार्डवेयर श्रीहरिकोटा पहुंच चुके हैं। इनका एकीकरण जारी है। वी. नारायणन ने कहा, ‘हमने तीन बिना-मानव मिशन की योजना बनाई है। इनमें से पहला मिशन ‘जी-1 मिशन’ चालू वित्त वर्ष के अंत तक, यानी मार्च 2026 से पहले पूरा किया जाएगा।’
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि इसरो मार्च 2026 तक कुल सात मिशन लॉन्च करेगा। इनमें कई रॉकेट, एलवीएम3, पीएसएलवी और जीएसएलवी, का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजन के तहत, इसरो अगले पांच साल में 50 रॉकेट लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसी दिशा में मार्च 2026 से पहले सात मिशन पूरे किए जाएंगे।’
कौन-कौन से मिशन होंगे लॉन्च?
एलवीएम3-एम05 मिशन: रविवार को सीएमएस-03 उपग्रह के साथ सफल रहा।
एलवीएम3 का अगला मिशन: एक वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) संचार उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजेगा।
तीन पीएसएलवी मिशन: इनमें से एक एनएसआईएल (न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड) के ग्राहक उपग्रह के लिए होगा।
पीएसएलवी-एन1: तकनीकी विकास मिशन के रूप में, यह भी चालू वित्त वर्ष में लॉन्च होगा।
जीएसएलवी-एफ17 मिशन: मार्च 2026 से पहले लॉन्च किया जाएगा।
इसरो प्रमुख ने आगे कहा, ‘हम जानते हैं कि यह आसान नहीं है, लेकिन इसरो की टीम पूरी तरह तैयार है। हमें विश्वास है कि हम इन लक्ष्यों को समय पर हासिल करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि टीम इसरो प्रधानमंत्री के 50 मिशनों के विजन को पूरा करने के लिए पूरी ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
