मुर्शिदाबाद में शांति-स्थिरता लौटी: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुईं। इससे पहले उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में अब शांति और स्थिरता लौट आई है। इसलिए मैं अब वहां जा रही हूं। इसके अलावा हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उनकी रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है। न ही मुझे राज्य में राष्ट्रपति शासन को लेकर कुछ भी पता है। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं मुर्शिदाबाद पहले भी जा सकती थी, लेकिन अगर वहां शांति और स्थिरता नहीं है, तो हमें वहां जाकर अशांति नहीं फैलानी चाहिए। मुर्शिदाबाद में स्थिरता बहुत पहले ही लौट आई है। आज मैं वहां जा रही हूं। उन्होंने कहा कि मुझे राज्यपाल सीवी आनंद बोस की ओर से गृह मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राज्यपाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। हम ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करें। सीएम ने कहा कि मैं पहले बरहामपुर में जिला समीक्षा बैठक करूंगी। कल हिंसा प्रभावित धुलियान का दौरा करूंगी और उन लोगों को मुआवजा दूंगी जिनके घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।

ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सरकार के साथ है। हम यहां फूट डालो और राज करो की नीति नहीं अपना रहे हैं। पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गए बीएसएफ जवान को लेकर उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है। हमारी पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी उनके परिवार के संपर्क में हैं। सरकार भी संपर्क में है और हम चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जाए।

दीघा जगन्नाथ मंदिर विवाद पर पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि हम पुरी के मंदिर का सम्मान करते हैं और हम जगन्नाथ धाम का भी सम्मान करते हैं। काली मंदिर और गुरुद्वारे देश भर में हर जगह हैं। मंदिर सभी जगहों पर हैं… इस मुद्दे पर इतना गुस्सा क्यों है?” हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद जिले में हाल में हुए दंगों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि राज्य में कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी चुनौती पैदा कर रहे हैं।

रिपोर्ट में राज्यपाल ने सुझाव दिया कि बांग्लादेश सीमा से सटे जिलों में केंद्रीय बलों की चौकियां बनाई जाएं। एक जांच आयोग गठित किया जाए, पूरे घटनाक्रम की जांच करे। उन्होंने यह भी लिखा कि यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान भी बने रहेंगे। अनुच्छेद 356 का मतलब राष्ट्रपति शासन लागू करने से है। हालांकि, एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 को लागू करने की सिफारिश नहीं की, केवल यह संकेत दिया कि अगर हालात और बिगड़ते हैं तो केंद्र के पास यह विकल्प है। राज्यपाल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। प्रशासन और पुलिस में ठोस तालमेल की कमी थी या उन्होंने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की।

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