
नई दिल्ली। कर्नाटक की सियासत में जारी कथित उथल-पुथल के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया। डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए 45 वर्षों तक परिश्रम किया है। उन्होंने आगे कहा कि वे सत्ता और पद हासिल करने के बजाय पार्टी कार्यकर्ता के रूप में रहना पसंद करेंगे। कर्नाटक भवन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने 1980 से पार्टी के लिए लगातार काम किया है। मैं पार्टी कार्यकर्ता बने रहना चाहूंगा।’ उन्होंने यह बात उस सवाल के जवाब में कही, जिसमें पूछा गया था कि क्या वह पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे।
अगले साल मकर संक्रांति पर सत्ता परिवर्तन को लेकर लग रहे कयासों पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह चर्चा मीडिया में हो रही है। पार्टी या सरकार में ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे, तो शिवकुमार ने कहा, ‘मैं इस बार पार्टी आलाकमान से नहीं मिल रहा हूं। राहुल गांधी कल ही लौटे हैं और मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहता हूं।’
कर्नाटक सरकार में होने वाले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री से पूछिए, वही इस सवाल का जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं।’ उन्होंने एक मंझे हुए राजनेता की तरह केएन राजन्ना की ओर से राहुल गांधी को लिखे गए पत्रों से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया दी। शिवकुमार से केएन राजन्ना ओर से राहुल गांधी को लिखे गए उन पत्रों के बारे में पूछा गया, जिनमें उनकी तरफ से संसदीय चुनाव के संचालन में हुई कमियों को उजागर किया गया था, तो शिवकुमार ने कहा, ‘मेरे पास पर्याप्त अनुभव नहीं है, मैं पर्याप्त प्रशिक्षण लेकर वापस आऊंगा।’
