
त्रिशूर। अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक बुजुर्ग व्यक्ति का आवेदन स्वीकार न करने के चलते सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का शिकार हो रहे केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने अपना बचाव किया और स्पष्टीकरण जारी किया। उन्होंने कहा कि वे ऐसे वादे नहीं करते, जिन्हें पूरा ही न किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उनके खिलाफ राजनीतिक एजेंडा चलाकर फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल 12 सितंबर को केरल के त्रिशूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, वेलायुधन नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने घर दिलाने में सहायता के लिए सुरेश गोपी से संपर्क किया। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक रूप से बुजुर्ग का आवेदन स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की खूब आलोचना हुई। अब अपने फेसबुक पेज पर सुरेश गोपी ने एक पोस्ट लिखकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने लिखा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस घटना का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
गोपी ने कहा कि ‘एक जनप्रतिनिधि होने के नाते, वह हमेशा इस बारे में स्पष्ट रहते हैं कि वह क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे वादे नहीं करता जो पूरे न हो सकें। लोगों को झूठी उम्मीदें देना मेरा काम नहीं है। आवास निर्माण राज्य का विषय है। इस पर राज्य सरकार को विचार करना है।’ गोपी ने कहा कि उनकी कोशिश हमेशा व्यवस्था के भीतर रहकर लोगों की मदद करने पर केंद्रित रही है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि ‘मुझे यह देखकर खुशी हुई कि इस घटना के बाद, एक और पार्टी, परिवार को एक घर देने के लिए आगे आई। भले ही इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद रहा हो, लेकिन मायने यह रखता है कि परिवार को आखिरकार एक घर मिल गया।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘अगर मेरे कारण किसी को घर मिला है तो मैं इसे एक सकारात्मक परिणाम मानता हूं। वास्तव में जो मायने रखता है वह है वास्तविक समाधान।’
