
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऐतिहासिक आंकड़े जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार बिहार ने सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया है। इस बार करीब 66.9 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। महिलाओं की भागीदारी अभूतपूर्व रही, जिनमें 71 फीसदी ने वोट डालकर लोकतंत्र पर पूरा भरोसा जताया।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार 7.5 करोड़ से अधिक मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में शामिल हुए। इसमें सभी राजनीतिक दलों के करीब 1.76 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों की सक्रिय भागीदारी रही। आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया और कड़ी निगरानी के चलते बिहार के 38 जिलों के किसी भी मजिस्ट्रेट के पास एक भी अपील नहीं पहुंची। इसी क्रम में गुजरात में भी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राज्य में अब तक 2.17 करोड़ नागरिकों का मैपिंग पूरा हो चुका है और 3.90 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरीत शुक्ला के नेतृत्व में 50,963 बूथ-स्तरीय अधिकारी इस कार्य में जुटे हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, यह पूरा अभियान इसलिए चलाया जा रहा है ताकि सभी योग्य मतदाताओं का नाम सूची में शामिल हो सके और अपात्र लोगों को हटाया जा सके। इसके तहत हर बूथ अधिकारी अपने क्षेत्र के घरों में तीन बार जाकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई मतदाता छूट न जाए। आयोग इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने पर जोर दे रहा है। गुजरात में एन्यूमरेशन फेज चार दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद नौ दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित होगी और 8 जनवरी 2026 तक आपत्तियां व दावे लिए जाएंगे। सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया 31 जनवरी तक चलेगी, जबकि 7 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
