दीघा मंदिर जाने में कुछ गलत नहीं: दिलीप घोष

 दिलीप घोष

दीघा। पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और प्रमुख नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया। दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर दिलीप ने कहा कि मंदिर जाने में कुछ गलत नहीं है। सरकार ने उन्हें आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था। मेरी पार्टी ने किसी को भी मंदिर में जाने से नहीं रोका था। बुधवार को दिलीप घोष अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ ममता बनर्जी सरकार द्वारा बनाए गए जगन्नाथ मंदिर गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात भी की थी। इसके बाद अटकलें लगाई जा रहीं थी कि वह 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा छोड़ सकते हैं।

इसे लेकर घोष ने कहा कि हमारी पार्टी ने हमें निमंत्रण छोड़ने के लिए नहीं कहा था। मुझे आमंत्रित किया गया था और यही कारण है कि मैं यहां आया हूं। मुझमें ऐसा करने का साहस है। लाखों लोग अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर क्यों जाते हैं? यहां तक कि ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं से कुंभ मेले में न जाने को कहा था, लेकिन कई लोग वहां गए। क्या उन्होंने कोई अपराध किया है? क्या आप जानते हैं कि कालीघाट और दक्षिणेश्वर मंदिर किसने बनवाए? यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मंदिर किसने बनवाए, लोग इसलिए जाते हैं क्योंकि वहां भगवान की पूजा होती है। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर घोष ने कहा कि मैं क्यों शामिल होऊं? मैं बुरा समय नहीं बिता रहा हूं। मैं पिछले 10 वर्षों में नहीं बदला हूं, मैंने अपनी पार्टी नहीं बदली है, जैसे कई अन्य लोग चुनाव आने पर अपना पक्ष बदल लेते हैं। दिलीप घोष को पक्ष बदलने की जरूरत नहीं है। लोग मेरे बारे में बात करते रहते हैं। भले ही वे नकारात्मक बातें करें, लेकिन वह मेरे लिए विज्ञापन का काम करता है।

घोष की मंदिर यात्रा और उसके बाद बनर्जी के साथ बैठक ने कई लोगों को हैरान कर दिया। दिलीप घोष और ममता बनर्जी के बीच बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता स्वप्न दासगुप्ता ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पूर्व राज्य अध्यक्ष द्वारा इस स्पष्ट विश्वासघात पर जमीनी स्तर के भाजपा बंगाल कार्यकर्ताओं में आक्रोश इतना तीव्र है कि राष्ट्रीय नेतृत्व इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि पार्टी इस यात्रा का समर्थन नहीं करती। यह दिलीप घोष की निजी पसंद है। लेकिन पार्टी इस यात्रा का समर्थन नहीं करती। हमारे कई विधायकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राज्य के विभिन्न स्थानों पर हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के कारण कोई भी नहीं आया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं उनके बारे में बात नहीं करना चाहता।

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