कांग्रेस ने ममता को पुराना रिश्ता याद दिलाया

अधीर रंजन चौधरी

बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने गोवा में कांग्रेस के खिलाफ टिप्पणी के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह अब एक ऐसी पार्टी के लिए ऐसा कर रही हैं जो हमेशा उनके समर्थन में सामने आती है। क्या वे भाजपा के एक एजेंट का काम कर रही हैं। टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का कांग्रेस पर बयान देना पार्टी नेताओं के गले नहीं उतर रहा है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष नीतू डिसूजा के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। अपना बयान जारी करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, वो ये जानना चाहते हैं कि विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश कर रही ममता बनर्जी ने अतीत में भाजपा के साथ गठबंधन क्यों किया था और एनडीए में मंत्री बनी थीं।

संयोग से ममता बनर्जी ने कांग्रेस की आलोचना उस दिन की जब कांग्रेस राहुल गांधी गोवा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य भ्रमण पर पहुंचे थे। ममता बनर्जी ने भी गोवा में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। चौधरी ने यह टिप्पणी तब की जब तृणमूल तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने शनिवार को अपनी गोवा यात्रा के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अधिक शक्तिशाली बने क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है और आरोप लगाया कि देश भुगत रहा है क्योंकि वह पार्टी निर्णय नहीं ले पाती है।

ममता बनर्जी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बहरामपुर के सांसद अधीर रंजन ने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि क्या आप अब भाजपा के एजेंट के रूप में काम नहीं कर रही हैं। कृपया याद करें कि किसने अतीत में भाजपा के साथ गठबंधन किया था और एनडीए कैबिनेट का हिस्सा भी बने। अब आप कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। जो हमेशा आपके समर्थन में रहा है।  उन्होंने ममता से सवाल किया, “अगर कांग्रेस समर्थन के बाद भी आपको संतुष्ट नहीं कर सकती है, तो क्या बंगाल के लोग ऐसा कर पाएंगे? क्या आप उन लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे, जिन्होंने लगातार तीन बार टीएमसी को चुना है जैसा आपने कांग्रेस के साथ किया है?”
       
बता दें कि ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा था, “मैं अभी सब कुछ नहीं कह सकती क्योंकि उन्होंने राजनीति को गंभीरता से नहीं लिया। मोदी जी कांग्रेस के कारण और अधिक शक्तिशाली होते जा रहे हैं। अगर कोई निर्णय नहीं ले सकता है, तो क्यों देश को इसके लिए भुगतना चाहिए?

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