जीएसटी लागू करना कांग्रेस असंभव मानती थी: वित्त मंत्री

 वित्त मंत्री

नई दिल्ली। जीएसीटी सुधार पर कांग्रेस पार्टी के तंज पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक समय जीएसटी को लागू करना असंभव मानती थी, लेकिन मोदी सरकार ने न केवल इसे सफलतापूर्वक लागू किया, बल्कि अब आम लोगों पर बोझ कम करने के लिए दूसरे चरण के सुधारों के साथ इसे आगे बढ़ा रही है। बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘क्या कांग्रेस पार्टी तंबाकू और गुटखे पर पांच प्रतिशत कर की मांग कर रही है? कांग्रेस पार्टी चाहती है कि हम इसे पांच प्रतिशत पर दें। कांग्रेस पार्टी अपने समय में जीएसटी को लागू करना असंभव मानती थी। हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में दूसरी पीढ़ी के सुधार लागू किए हैं, ताकि लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों पर राहत मिले।’

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी सुधार अनुपालन को आसान बनाकर एमएसएमई और श्रम-प्रधान उद्योगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि वह लोगों को लाभ पहुंचाने वाले उपायों का समर्थन करती है या विरोध। इन सुधारों से एमएसएमई और श्रम-प्रधान इकाइयों को भी राहत मिलेगी, जिससे अनुपालन आसान होगा। कांग्रेस को तय करना चाहिए कि वह लोगों के हित में मुद्दों पर विरोध करना चाहती है या समर्थन। जनता आपको बेनकाब कर देगी। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आवश्यक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, कृषि इनपुट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला पर जीएसटी दरों में व्यापक कटौती की घोषणा की। 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को समाप्त करने का फैसला किया गया। बैठक में जीएसटी दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया।

आवश्यक वस्तुओं के मामले में दैनिक घरेलू उपयोग की वस्तुओं की कीमत अब कम होगी। हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप बार, टूथब्रश और शेविंग क्रीम जैसे उत्पाद, जिन पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, अब 5 प्रतिशत के दायरे में आ जाएंगे। सीतारमण ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी को पूरी तरह से हटाने की घोषणा की। किसानों और कृषि क्षेत्र को इन सुधारों से काफी लाभ होगा, क्योंकि ट्रैक्टर के टायर और पुर्जे, जिन पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, अब केवल 5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा, जबकि ट्रैक्टरों पर भी कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाएगी।

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