
बिच्छू डॉट कॉम। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी राज्य इकाइयों को पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी लाने के लिए गैर-बीजेपी शासित सरकार पर दबाव बनाने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है। कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्य ऐसे हैं जो केंद्र की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम किए जाने के बाद भी अपनी तरफ से जनता को कोई राहत नहीं दी है। जबकि यूपी, मध्य प्रदेश समेत बीजेपी शासित राज्य अपनी तरफ से ईंधन पर लगाए जाने वाले टैक्स में कटौती कर दोहरी राहत दी है।
पार्टी ने अपने नेताओं को उन राज्यों के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने का निर्देश दिया है जो ईंधन पर टैक्स कम करके लोगों को राहत नहीं दे रहे हैं। पार्टी की ओर से राज्यों में बीजेपी प्रमुखों से कहा कि गया है ‘मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमतों मं 5 रुपए और डीजल की कीमतों में 10 रुपए की कटौती की है। बीजेपी शासित राज्य सरकारें भी जनता को राहत देते हुए ईंधन के दामों में कमी की है।’ पार्टी की ओर से आगे कहा गया है ‘विपक्षी पार्टियों के शासित राज्य सरकारों में जहां ऐसी राहत नहीं दी गई है, पार्टी उन सरकारों को ईंधन की कीमतों को कम करने के लिए मजबूर करने के लिए हस्ताक्षर अभियान, रैलियां, धरना और आंदोलन शुरू करेगी। इस मुद्दे को राज्य मीडिया में प्रभावी ढंग से उठाया जाना चाहिए।’
बता दें कि राजधानी दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल की सरकार ने अपनी तरफ से टैक्स में अभी तक कोई कटौती नहीं की है। इसके साथ-साथ कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भी राज्य सरकार ने दाम कम नहीं किए हैं। हालांकि, पंजाब सरकार की ओर से तेल के दाम कम किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार भी टैक्स को कम करने पर विचार कर रही है। आंध्र में जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट में कटौती से इनकार किया और स्पष्ट किया कि केंद्र ने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी की हिस्सेदारी लेने के बावजूद इसकी पर्याप्त क्षतिपूर्ति नहीं की। पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार पर हमला करते रहे हैं। लेकिन अब जब उनकी पार्टी की सरकारों ने अपने राज्य में टैक्स में कटौती नहीं की तो बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष ओछी राजनीति कर रहा है।