
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए लगातार रूप से मतदाता सूची में सुधार और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चर्चा भी तेज होती दिख रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार मतदाता सूची संशोधन कार्य में लगे कर्मचारियों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। सीएम बनर्जी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को तलब कर उन अधिकारियों के निलंबन पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिन पर मतदाता सूची में गड़बड़ी करने के आरोप हैं। नबन्ना में हुई बैठक में ममता बनर्जी ने जिलाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का काम करने वाले कर्मचारियों को डराया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने असम में एनआरसी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि वहां लोगों के बीच डर और भ्रम फैलाया गया था, लेकिन बंगाल सरकार अपने लोगों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि वह मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के चलते चार अधिकारियों और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित करे। लेकिन मुख्य सचिव ने सोमवार को आयोग को पत्र लिखकर कहा कि निलंबन और एफआईआर दर्ज करना अत्यधिक कठोर कदम होगा और इससे पूरे अधिकारी वर्ग का मनोबल टूट सकता है। राज्य सरकार ने इन पांच में से दो अधिकारियों को मतदाता सूची से जुड़े काम से हटाकर मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक और बैठक में जिलाधिकारियों से मुलाकात की। यह बैठक ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ (हमारा इलाका, हमारा समाधान) जनसंपर्क अभियान को लेकर बुलाई गई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हाल के महीनों में बढ़ते अपराधों पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की बात कही।
