
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने दावा किया है कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी ने चीनी कंपनी से पैसा लेकर पीएम मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री बनाई है। उन्होंने कहा कि बीबीसी भारत के खिलाफ चीन के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए चीनी कंपनी हुआवेई ने बीबीसी को पैसा दिया है। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने ट्विटर पर एक मीडिया रिपोर्ट का लिंक साझा करते हुए सवाल उठाया कि बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि बीबीसी को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है और इसके लिए उसे चीनी कंपनी हुआवेई से पैसे मिलते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि बीबीसी बिकाऊ है। इससे पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, बीबीसी ने 2021 में बिना जम्मू-कश्मीर के भारत का नक्शा जारी किया था। बाद में उसने इसके लिए माफी मांगी थी। साथ ही नक्शे को सही किया था। बीबीसी का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का लंबा इतिहास रहा है। पीएम मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री इसी दुर्भावना को आगे बढ़ाना है।
भारत सरकार ने गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को यूट्यूब पर जारी किया गया था, जबकि दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। लेकिन इससे पहले ही सरकार ने इससे संबंधित सभी लिंक पर रोक लगा दी थी। भारत सरकार ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार बताया है। वहीं, भारत में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को बैन करने का विपक्षी दलों और छात्र संगठनों ने विरोध किया है। देशभर के कई विश्वविद्यालयों में डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के विरोध में छात्र संगठनों द्वारा इसकी स्क्रीनिंग के प्रयास भी किए गए। इसको लेकर काफी हंगामा भी देखने को मिला।