
मुंबई। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि 10 अगस्त के आसपास महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को हटा दिया जाएगा। उनकी जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सत्ता की कमान संभालेंगे। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री शिंदे और शिवसेना के 15 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला 10 अगस्त के आसपास किया जाएगा। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पृथ्वीराज चव्हाण के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अजित पवार इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और दो जुलाई से पहले हुई बैठकों के दौरान उन्हें यह बात बता भी दी गई थी।
इससे पहले चव्हाण ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शिंदे के नेतृत्व में अगला लोकसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं है, क्योंकि उनका उनके गृह जिले ठाणे के बाहर प्रभाव नहीं है। भाजपा के पास अब अजित पवार के रूप में विकल्प है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने का तरीका ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ का है। इसके बाद फडणवीस ने विधानभवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के रूप में मैं आपको आधिकारिक तौर पर बता रहा हूं कि अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जब ‘महायुति’ की बैठकें हुईं तो अजित पवार को स्पष्ट बता दिया गया था कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद नहीं मिलेगा। एकनाथ शिंदे सीएम बने रहेंगे और कोई बदलाव नहीं होगा।
राकांपा नेता जयंत पाटिल और सुनील तटकरे सोमवार को महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में एक-दूसरे के गले मिले। दोनों के बीच थोड़ी देर के लिए बातचीत भी हुई। दोनों इस समय राकांपा के प्रतिद्वंद्वी गुटों के सदस्य हैं। चश्मदीदों के मुताबिक, पाटिल ने विधान भवन परिसर के गलियारे में तटकरे को देखा तो उनके पास जाकर गले मिले और दोनों ने कुछ मिनट तक बातचीत भी की। इससे पहले दो जुलाई को अजित पवार और आठ अन्य विधायक राज्य की शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए। इसके साथ शरद पवार की बनाई हुई पार्टी दो फाड़ हो गई। अजित पवार के साथ जाने वाले विधायकों में छगन भुजबल, हसन मुशरिफ और दिलीप वलसे पाटिल भी शामिल हैं।