
बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आम बजट पूरी तरह से आर्थिक सुधारों के उन्मुख है तथा आर्थिक सुधार और विनिवेश एक नियमित चलने वाली प्रक्रिया है जिस पर सरकार समय-समय पर निर्णय लेती है। मंगलवार को आम बजट पेश होने के बाद विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार की सोच बदली तथा उसमें तेजी तेजी भी आई है कि किस क्षेत्र में फोकस करना है और उसके आधार पर जो मांग पैदा होगी उस पर कैसे निजी क्षेत्र का फोकस बढ़ाना है। ताकि सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती ला सकें। इस बजट में ऐसे अनेक उपाय किए गए हैं।
इस बजट से आने वाले समय में मांग में वृद्धि होगी जिससे छोटे-बड़े उद्योगों का उत्पादन बढ़ेगा। इस नई सोच के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बधाई के पात्र हैं। सही मायने में उन्होंने इस बजट के जरिए देश को आगे के दशकों की आधारशिला रखी है। इस बजट से निजी क्षेत्र निवेश करने को लेकर भी प्रोत्साहित होगा जिससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और उच्च विकास दर हासिल की जा सकेगी।
यह पूछने पर कि बजट में विनिवेश को लेकर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है सिर्फ एलआईसी और नीलांचल इस्पात का ही जिक्र किया है ? गोयल ने कहा कि विनिवेश एक नियमित चलने वाली प्रक्रिया है। सरकार इसके लिए उचित संस्थानों का चयन कर समय-समय पर घोषणा करती है। यह कार्य बेहद सावधानीपूर्वक किया जाता है ताकि कोई आरोप नहीं लगे, कोई चूक नहीं हो। यह लंबी प्रक्रिया है। नीलांचल इस्पात का दो दिन पहले ही विनिवेश किया गया है। एक बीमार कारखाने के बदले सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। साथ ही इस संस्थान में कार्य कर रहे लोगों की नौकरी भी बच गई है। नये निवेश से आने वाले समय में यह संयंत्र दस गुना बड़ा हो जाएगा। इसलिए जहां-जहां संभावना है विनिवेश जारी रहेगा।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह चुनावी बजट नहीं बल्कि राष्ट्र का बजट है। सबको इस बात की प्रशंसा करनी चाहिए कि इसे चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है। पीएम ने बड़ा दिल दिखाया है। यह बजट देश की जरूरतों को पूरा करेगा और इसका लाभ चुनाव वाले पांच राज्यों समेत पूरे देश को होगा। बजट को देखकर विपक्ष को भी आलोचना के लिए कुछ नहीं मिल रहा है।
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण मार्च तक है लेकिन उसके बाद भी अनाज की खरीद पूर्व की भांति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 19 महीनों में देश के 80 करोड़ गरीब एवं जरुरतमंद लोगों को पौने तीन लाख करोड़ रुपये के अनाज का वितरण किया गया। यह विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है। दुनिया में इससे भारत की साख बढ़ी है और इस बात के लिए भारत की तारीफ होती है कि कोरोना महामारी में देश में किसी भी भूखे नहीं रहना पड़ा।