हिंदुत्व ब्रिगेड के नए टारगेट अब ईसाई : चिदंबरम

चिदंबरम

बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत करने से सरकार के इनकार का हवाला देते हुए दावा किया कि मुसलमानों के बाद, ईसाई हिंदुत्व ब्रिगेड का नया लक्ष्य बन गए हैं। चिदंबरम, जो कि गोवा के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक हैं, ने यह भी दावा किया कि मुख्यधारा की मीडिया ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमओसी) से संबंधित गृह मंत्रालय की कार्रवाई की खबर को अपने पृष्ठों से हटा दिया। उन्होंने इसे “दुखद और शर्मनाक” करार दिया। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “एमओसी के नवीनीकरण की अस्वीकृति उन गैर सरकारी संगठनों पर सीधा हमला है जो भारत के ‘गरीब और मनहूस’ के लिए जन सेवा कर रहे हैं।”  चिदंबरम ने कहा, “एमओसी के मामले में, यह ईसाई धर्मार्थ कार्यों के प्रति पूर्वाग्रह और पूर्वाग्रह को प्रकट करता है। मुसलमानों के बाद, ईसाई हिंदुत्व ब्रिगेड के नए लक्ष्य हैं।”

चिदंबरम ने कल ट्वीट कर कहा था, ‘कोलकाता, पश्चिम बंगाल में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए भविष्य में विदेशी योगदान को नकारने से ज्यादा हैरान करने वाला कुछ नहीं हो सकता है। यह मदर टेरेसा की स्मृति का सबसे बड़ा अपमान है, जिन्होंने भारत के ‘गरीबों और दुखियारो’ की देखभाल के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ गृहमंत्रालय का दावा है कि उसे “कुछ प्रतिकूल इनपुट” मिले हैं। गृह मंत्रालय को अपने शेरलॉक होम्स जैसे कौशल का इस्तेमाल सांप्रदायिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों को दबाने के लिए करना चाहिए, न कि ईसाई दान और मानवीय कार्यों को दबाने के लिए। साल 2021 के खत्म होते ही यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार ने अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक और लक्ष्य ‘ईसाई’ बना लिया है।’ गोवा विधानसभा चुनावों में लगातार दो हार के बाद, कांग्रेस अगले साल की शुरुआत में राज्य के चुनावों में वापसी की उम्मीद कर रही है।

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