
वेल्लोर। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने किसानों के साथ बैठक भी की और उनकी समस्याओं को सुना। तमिलनाडु के वेल्लोर में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से कहा, मैं किसानों की सेवा के लिए आया हूं। संघीय ढांचे में केवल आरोप-प्रत्यारोप नहीं होने चाहिए, बल्कि मिलकर काम करना चाहिए। भारत सरकार ने जितना चावल खरीदा है, उतना कभी नहीं खरीदा गया। किसानों को उचित मूल्य देने के लिए चावल का एमएसपी बढ़ाया गया है। मुझे तमिलनाडु के किसानों से मिलकर बहुत खुशी हुई।
उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि केंद्र और राज्य मिलकर योजनाओं को सही ढंग से लागू करें ताकि किसान पूरे लाभ का आनंद लें। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उर्वरक की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव भारतीय किसानों पर नहीं पड़ा। यूरिया की कीमत अभी भी 266 रुपये प्रति बैग और डीएपी 1,350 रुपये में उपलब्ध है, जो भारी सब्सिडी के कारण संभव हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि मशीनरी पर जीएसटी कम होने से आधुनिक उपकरण किसानों के लिए सस्ते हो गए हैं।’
उन्होंने बताया कि प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी में भारी वृद्धि की गई है। इसमें गेहूं में 160 रुपये प्रति क्विंटल, चना 200 रुपये या अधिक, मसूर 300 रुपये, सरसों 250 रुपये और सूरजमुखी 600 रुपये शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के तहत 3.90 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से 2024-25 में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए, साथ ही 1.62 लाख करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी दी गई। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत बीमित किसानों को 1.83 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मिला।
