
मुंबई। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के दौरान भारत के खिलाफ कुछ खोखली दलीलें पेश कर ये साबित कर दिया कि वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा। साथ ही वैश्विक मंच पर हमेशा इसी तरह से जलील होता रहेगा। ऐसे में अब इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कड़े शब्दों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के इन दावों का आलोचना की है। शिंदे ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी हद में रहना चाहिए और झूठ फैलाना बंद करना चाहिए। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा कि पाकिस्तानी पीएम को अपनी हद में रहना चाहिए, क्योंकि अगर गीदड़ शेर की खाल पहन ले तो वो शेर नहीं बन जाता। बता दें कि ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत पर कई झूठे आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की और निर्दोष पाकिस्तानी नागरिकों पर हमला किया।
इतना ही नहीं शरीफ ने यहां तक दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत के सात लड़ाकू विमान मार गिराए और भारतीय हमले को पेशेवर अंदाज में जवाब दिया। हालांकि, ये पाकिस्तानी पीएम ने पहली बार ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। साथ ही ये भी पहली बार नहीं है कि ये बयान पहले भी कई बार झूठे साबित हो चुके हैं। गौरतलब है कि बीते 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर दुश्मन पर करारा और कभी ना भुलने वाला पलटवार किया। भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह सीमित और आतंकियों के ठिकानों पर केंद्रित थी। इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कुल नौ लॉन्चपैड नष्ट किए गए और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
भारत ने इस ऑपरेशन की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए साझा की और सैटेलाइट तस्वीरों समेत पक्के सबूत भी दिए। मामले में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 7 से 10 मई तक कई बार मीडिया को जानकारी दी कि यह कार्रवाई पूरी तरह से संयमित, गैर-उत्तेजक और आत्मरक्षा के अधिकार के तहत की गई। दूसरी ओर ये भी नहीं रहा कि ऑपरेश सिंदूर का वैश्विक मंच पर कोई बड़े स्तर से विरोध हुआ। आतंकवाद के जवाब में की गई इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी सही ठहराया। कारण साफ था कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत किसी भी देश को आत्मरक्षा का अधिकार है और भारत ने उसी के तहत जवाब दिया।