एथेनॉल के कारण ही जिंदा है चीनी उद्योग: गडकरी

गडकरी

मुंबई। पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत की चीनी उद्योग एथेनॉल की वजह से ही जिंदा बचा हुआ हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर एथेनॉल का विकल्प सामने नहीं आता तो गन्ना किसान और चीनी मिलें बड़ी मुश्किल में होतीं। गडकरी ने यह भी कहा कि खेती में नई तकनीकों को अपनाना जरूरी है ताकि किसानों को भविष्य में पानी और लागत से जुड़ी परेशानियों का सामना न करना पड़े।

गडकरी ने महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या की मुख्य वजह पानी की कमी बताई। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को पर्याप्त पानी मिलता तो उन्हें इतना बड़ा कदम नहीं उठाना पड़ता। इस मौके पर गडकरी ने नाम फाउंडेशन के काम की सराहना की। यह संस्था नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे के नेतृत्व में किसानों के बच्चों और जल संरक्षण के लिए काम करती है। भाजपा नेता गडकरी ने जोर देकर कहा कि खेती में तकनीक को लाना अब अनिवार्य हो गया है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में कई प्रयोग पहले से ही शुरू हो चुके हैं। उनका मानना है कि नई तकनीकें ही किसानों की उत्पादकता और आमदनी बढ़ा सकती हैं।

गडकरी ने कहा कि भारत हर साल करीब 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करता है। एथेनॉल के इस्तेमाल से इस बोझ को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गन्ने की पैदावार और चीनी उत्पादन अधिक होने की वजह से चीनी उद्योग संकट में था, लेकिन एथेनॉल ने इसे संभाल लिया। हाल ही में कांग्रेस ने गडकरी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने दावा किया कि गडकरी एथेनॉल उत्पादन को लेकर आक्रामक लॉबिंग कर रहे हैं क्योंकि उनके दोनों बेटे एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों से जुड़े हैं। कांग्रेस ने कहा कि सरकार की नीति से इन कंपनियों को फायदा हुआ। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी की तरह सिर्फ झूठे दावे करती है, जिनके पास कोई सबूत नहीं होता।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका खारिज की थी, जिसमें 20 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (ई20) को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि करोड़ों वाहन मालिकों को ऐसी ईंधन का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो उनके वाहनों के लिए डिजाइन नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ी रही, जहां कई लोगों ने माइलेज 20 प्रतिशत तक घटने का दावा किया। गडकरी ने सोशल मीडिया पर चल रही बहस को पेड कैंपेन करार दिया। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रूप से उन्हें निशाना बनाने की कोशिश है। गडकरी ने स्पष्ट किया कि ई20 को लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और अन्य हितधारकों के बीच साफ-सुथरी सहमति है। उन्होंने दावा किया कि एथेनॉल न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि किसानों और उद्योग दोनों को नया सहारा देता है।

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