
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाला और दिवालियापन संहिता को आर्थिक सुधारों के लिए मील का पत्थर माना है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था लेकिन अब भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर उज्जवल माना जा रहा है।
भारतीय दिवाला एवं पेशेवर परिषद द्वारा आयोजित ‘दिवालिया कानूनों के तहत अर्थव्यवस्था का कायाकल्प’ सेमिनार का पीएम मोदी ने संज्ञान लिया। पीएम मोदी ने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि इस सेमिनार में कई कानूनी दिग्गजों और डोमेन विशेषज्ञों के अलावा कई हितधारक भाग ले रहे हैं। सेमिनार में विचार-विमर्श फलदायी होगा। यह दिवालियापन शासन को और बेहतर बनाने के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगा। पीएम मोदी का कहना है कि जब हम व्यापार करने में आसानी की बात करते हैं तो व्यवसाय बंद करने में आसानी भी इसका महत्वपूर्ण पहलू है। दिवाला और दिवालियापन संहिता ने देश में एक आदर्श बदलाव लाया है। यह महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बैंकिंग प्रणाली नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। वहीं, एनपीए की वसूली बेहद उत्साहजनक रही। दिवालियापन को हल करने की प्रक्रिय को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी हितधारकों ने निरंतर प्रयास किया। हितधारकों ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल एक विकसित, आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए 140 करोड़ नागरिकों के संकल्प को दर्शाता है। प्रत्येक नागरिक की आशाएं देश के लक्ष्य के साथ जुड़ती है तो आत्मनिर्भर भारत एक राष्ट्रीय भावना बना जाता है। सेमिनार के आयोजकों ने कहा कि भारत की एनपीए की चुनौती कुछ वर्षों में खराब हो गई है, जो देश की आर्थिक मंदी में योगदान दे रही है।