
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत आज दुनिया के सामने एक आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक शक्ति के रूप में खड़ा है। उन्होंने इसे एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को हासिल करने के लिए सभी के सहयोगात्मक प्रयासों का आह्वान किया। यहां अखिल भारतीय मलयाली संघ (एआईएमए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सिंह ने भारत के विकास में केरल के योगदान की सराहना की। उनके कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, भारत आज दुनिया के सामने एक आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक शक्ति के रूप में खड़ा है और केरल ने इस उपलब्धि को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से अब दुनिया की पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था है। विशेषज्ञों और संस्थानों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई कि आजादी के 100 साल पूरे होने यानी वर्ष 2047 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति को आज पूरी दुनिया में मान्यता और स्वीकृति मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत का सम्मान वैश्विक स्तर पर इसकी विशाल सांस्कृतिक विरासत और संविधान प्रदत्त राजनीतिक एकता के कारण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक एकता को केरल से आने वाले दो महान व्यक्तित्वों द्वारा संभव बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि मेनन ने स्वतंत्रता के बाद भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के अधीन कार्य किया और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई। बयान में राजनाथ के हवाले से कहा गया। राज्य में ईसाई धर्म और इस्लाम का भी उदय हुआ। ऐसा कहा जाता है कि ईसा मसीह के 12 प्रमुख शिष्यों में से एक ‘सेंट थॉमस’ भारत आए और केरल में सात चर्च बनाए। पहली मस्जिद ‘चेरामन जुमा’ त्रिशूर में बनाई गई थी। यही कारण है कि इसे (केरल को) ‘ईश्वर का अपना देश’ की उपाधि दी जाती है।’