महाराष्ट्र सरकार गायों के लिए बनाए प्रोटोकॉल: अविमुक्तेश्वरानंद

अविमुक्तेश्वरानंद

मुंबई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने रविवार को गोसेवा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार गो सम्मान के लिए तुरंत एक प्रोटोकॉल बनाए। शंकराचार्य ने मांग की कि भारत के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ‘रामधाम’ हो, यानी 100 गायों वाला एक गोशाला बनाया जाना चाहिए। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक यह घोषित नहीं किया है कि गाय का सम्मान कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को एक प्रोटोकॉल बनाना चाहिए, ताकि लोग उसका पालन कर सकें और उसके उल्लंघन पर दंड भी तय करना चाहिए।

शंकराचार्य ने आगे कहा कि देशभर में कुल 4,123 रामधाम बनाए जाएंगे। ये गौशालाएं दैनिक गोसेवा, संरक्षण और देशी नस्लों को बढ़ावा देने पर केंद्रित होंगी। गायों की देखभाल करते समय इस नियम का पालन करने वालों को आर्थिक पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘100 गायों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 2 लाख रुपये प्रति माह मिलेंगे।’ शंकराचार्य ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेंट्रल विस्टा स्थित नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान एक गाय को भी अंदर ले जाना चाहिए था। उन्होंने पूछा, ‘अगर गाय की मूर्ति संसद भवन में प्रवेश कर सकती है, तो जीवित गाय को अंदर क्यों नहीं ले जाया जा सकता?’

उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में प्रवेश करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सेंगोल पकड़ा था, उस पर एक गाय की आकृति बनी हुई थी। उन्होंने कहा, ‘आशीर्वाद देने के लिए एक असली गाय को भी भवन में ले जाना चाहिए था। अगर देरी होती है, तो हम देश भर से गायों को लाकर संसद भवन में लाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि इससे प्रधानमंत्री और भवन को असली गाय का आशीर्वाद मिलेगा। सेंगोल संसद के निचले सदन में स्थापित है। हिंदू धर्मगुरु ने आगे कहा कि धर्म संसद ने होशंगाबाद के सांसद दर्शन सिंह चौधरी के समर्थन में एक बधाई प्रस्ताव पारित किया है, जिन्होंने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग की है। शंकराचार्य ने कहा कि लोगों को केवल उन्हीं उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए जो गायों की रक्षा करते हैं और उनके हित में कानून बनाने के लिए काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘वर्तमान शासन अभी तक हमें संतुष्ट नहीं कर पाया है। भारत में गोहत्या पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।’

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