बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा होगी मुफ्त : शिंदे

मुंबई। महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस), सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और अन्य पिछले वर्गों (ओबीसी) की बालिकाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकार के अनुसार, राज्य में इन वर्गों की बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा मुफ्त होगी। महाराष्ट्र में चुनाव से ठीक पहले महिलाओं के हित में यह बड़ा कदम साबित हो सकता है।

सरकार के आदेश में कहा गया है कि सरकारी और गैर सरकारी महाविद्यालयों के अलावा मुक्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने की इच्छुक छात्राएं इस सुविधा का लाभ उठा सकतीं हैं। इन पाठ्यक्रमों में उच्च एवं तकनीक शिक्षा, चिकित्सा, फार्मेसी, कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, डेयरी विकास विभाग द्वारा संचालित पाठ्यक्रम शामिल हैं। ईडब्ल्यूएस, एसईबीसी और ओबीसी वर्गों की जिन छात्राओं के पारिवार की वार्षिक आय आठ लाख से कम है, वे इस सुविधा का लाभ उठा सकतीं हैं।नए प्रवेश के साथ-साथ वर्तमान में उच्च शिक्षा हासिल कर रहीं छात्राएं भी इस योजना के लिए पात्र होंगी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ये घोषणांएं कीं। बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया है। अब अनाथ छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क भी नहीं देना होगा। बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए राज्य में यह आदेश लागू होगा। इसमें कुल मिलाकर 906 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आदेश में यह भी बताया गया है कि जिन छात्रों को संस्थागत कोटा दिया गया है, ऐसे छात्र इस योजना के पात्र नहीं होंगे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की भी घोषणा की। इस योजना के तहत महिलाओं को तीन मुफ्त सिलेंडर देने की बात कही गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा कार्यक्रम प्रशिक्षण योजना और मुख्यमंत्री कृषि पंप योजना की भी घोषणा की गई। साथ ही, मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना की भी घोषणा की गई। इसके तहत 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को मासिक भत्ते के रूप में 1,500 रुपये दिए जाएंगे।

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