लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी से हुआ नुकसान: एकनाथ शिंद

एकनाथ शिंद

मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लगे झटके के लिए मतदान के दौरान छुट्टी पर जाने वाले कई वफादार मतदाताओं को जिम्मेदार ठहराया। शिंदे ने कहा कि वे यह मानकर छुट्टी पर चले गए कि एनडीए आम चुनाव में आसानी से 400 से ज्यादा सीटें जीत लेगा। उन्होंने इस बात को माना कि विपक्ष ने एनडीए को घेर लिया था, जो मतदाताओं को एकजुट करने में सफल रहा। वहीं, मुंबई में महायुति सहयोगियों की एक साझा रैली को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के दावों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, एनडीए के नेताओं ने चुनावी अभियान के दौरान विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया।

रैली में शिवसेना, भाजपा, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य छोटे घटक दलों के नेताओं ने भाग लिया। लोकसभा में 48 सदस्यों को भेजने वाले महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने केवल 17 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की 30 सीटें मिलीं। शिंदे ने कहा, लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने हमें चौंका दिया। उन्होंने कहा, हमारे कुछ मतदाता मतदान के दौरान यह मानकर छुट्टी पर चले गए कि एनडीए आम चुनावों में 400 से ज्यादा सीटें आसानी से जीत जाएगा। यह नुकसान भविष्य में अधिक रणनीतिक दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर देता है। शिंदे ने दावा किया कि विपक्ष के मतदाताओं ने बड़ी मेहनत से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और करीब 80 फीसदी मतदान हुआ।

उन्होंने कहा, अगर हमारे 60 फीसदी मतदाता मतदान केंद्रों पर आए होते तो हम आसानी से 40 सीटें जीत सकते थे। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह प्रभावित होने के बाद हम संवेदनहीन होने का जोखिम नहीं उठा सकते। कांग्रेस के बोफोर्स, चारा और कोयला जैसे कथित घोटालों के इतिहास का जिक्र करते हुए शिंदे ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई आरोप लगे हैं। फडणवीस ने मतदाता पर चुनावी अभियान के दौरान विपक्ष द्वारा फैलाए गए कथित झूठ के खिलाफ तत्काल प्रतिक्रिया देने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, एमवीए ने एनडीए के उम्मीदवारों की तुलना में दो लाख वोट ज्यादा हासिल किए। लेकिन उन्होंने करीब 30 सीटें जीतीं। वे हर दिन मीडिया के सामने झूठ बोलते थे। हमें लगता था कि इसका असर हमारे मतदाताओं पर नहीं पड़ेगा। लेकिन वास्तव में इसने हमारे मतदाओं को प्रभावित किया और हम इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला न कर सके। उन्होंने एनडीए के सहयोगियों के खिलाफ बयान देने वाले पार्टी के कुछ नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, पार्टी के कुछ नेता ऐसे हैं जिन्हें कुछ बयान देने के लिए कुछ भी बयान देने की अत्यधिक इच्छा रहती है। मेरा उन्हें सुझाव है कि वे पहे अपने नेताओं से बात करें, उनकी अनुमति लें और फिर अफना मुंह खोलें।

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