सदन में तख्तियां लाने पर भड़के ओम बिरला

ओम बिरला

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को बाधित करने पर नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने सांसदों से लोक सभा में तख्तियां लेकर नहीं आने की बात कही। तख्तियां लहराकर सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करने का तरीके अपनाने से भड़के बिरला ने कहा, सदन में गरिमा और अनुशासन बनाए रखने की जरूरत है।

स्पीकर ओम बिरला की यह टिप्पणी बसपा सांसद दानिश अली के आचरण के बाद आई है। दानिश भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कार्रवाई की मांग की इसी कड़ी में दानिश अपने गले में तख्ती लटकाकर लोक सभा पहुंचे। के एक दिन बाद आई है। बिरला ने कहा, सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में नए संसद भवन में तख्तियां नहीं लाने की सहमति बनी। पार्टियों के बीच बनी सहमति का जिक्र करते हुए उन्होंने मैं सभी से संसद में गरिमा और अनुशासन बनाए रखने की अपील की। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नियमों का उल्लंघन करने और तख्तियां लाने वाले सांसदों के खिलाफ उन्हें सख्त कार्रवाई करनी होगी।

बता दें कि सोमवार को जब दानिश अली अपने गले में एक तख्ती लटकाकर विरोध करते हुए परिसर में दाखिल हुए तो संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को इसकी जनकारी दी। उन्होंने इसका तत्काल संज्ञान लिया। स्पीकर ने दानिश अली से कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आना संसदीय नियमों के खिलाफ है। उन्होंने बीएसपी सांसद को तुरंत सदन से बाहर जाने को कहा। लोकसभा स्पीकर ने कहा, “मैं हर सदस्य से अपील करता हूं कि वे सदन के नियम न तोड़ें। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी सदन की मर्यादा बनाए रखेंगे और सकारात्मक सोच के साथ आएंगे।” गौरतलब है कि संसद में अशोभनीय आचरण के लिए कई सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्य सभा से निलंबित सांसद राघव चड्ढा को सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी गई। सभापति ने राघव को भी मर्यादा और मूल्यों का पाठ पढ़ाया।

स्पीकर की सख्त चेतावनी से इतर संसद के उच्च सदन में एक अन्य अहम घटनाक्रम में राज्यसभा में बीजेपी सांसद ने तमिलनाडु सरकार से सनातन धर्म के खिलाफ ‘घृणा से भरे भाषण’ के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने मंत्रियों को बर्खास्त करने को भी कहा। भाजपा के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने मंगलवार को कहा, संविधान हर धर्म, नागरिक और संप्रदाय को अपनी आस्था और विश्वास का पालन करने के साथ-साथ इसके प्रचार का भी अधिकार देता है।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान हेट स्पीच यानी घृणा भाषण का मुद्दा उठाते हुए राव ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के एक मंत्री ने सनातन धर्म और हिंदू धर्म के खिलाफ घृणा भाषण दिया है। बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कथित तौर पर सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू की तरह बताया था। उन्होंने कहा कि इसका विरोध नहीं इसे जड़ से खत्म किया जाना चाहिए। भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, INDIA गठबंधन में शामिल दल- डीएमके और तमिलनाडु सरकार के एक अन्य मंत्री ने उल्लेख किया है कि INDIA गठबंधन के गठन का उद्देश्य “सनातन धर्म का उन्मूलन” है। भाजपा सांसद सवाल किया कि क्या डीएमके “इस तरह का भारत विरोधी एजेंडा” आगे बढ़ाने की ताक में है।

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