शिंदे चुनाव प्रचार में व्यस्त, किसानों की चिंता नहीं: उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे

मुंबई। शिवसेना(यूटीबी) नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर हमला बोला है। मुख्यमंत्री शिंदे के तेलंगाना में चुनाव प्रचार करने पर उद्धव ठाकरे ने उन्हें आड़े हाथ लिया। उन्होंने उन पर आरोप लगाया कि बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र की फसलों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन सीएम शिंदे तेलंगाना में चुनावी प्रचार में ही व्यस्त हैं।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने सीएम शिंदे से बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट बैठक बुलाने की मांग की। साथ ही उन्होंने किसानों को जल्द से जल्द सहायता देने की भी वकालत की। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि राज्य में बेमौसम बारिश के कारण छह लोगों की मौत हुई है, जबकि 100 से अधिक मवेशी भी मर गए हैं।

उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में अंगूर और प्याज की खेती करने वाले किसान इस बेमौसम बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उद्धव ठाकरे ने प्रदेश सरकार से गंभीर सवाल किए है। उन्होंने पूछा, जब मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट दे दिया था तो राज्य कैबिनेट ने क्या किया। ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं है, क्योंकि हर कोई चुनाव प्रचार में ही व्यस्त है। अब प्रदेश में सरकार बदलने का वक्त आ गया है। सीएम शिंदे पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, जो अपने राज्य की चिंता ही नहीं करता, सिर्फ दूसरे राज्य के चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं, वे राज्य में सरकार चलाने के लायक नहीं है। बता दें सीएम एकनाथ शिंदे ने भाजपा के लिए तेलंगाना में प्रचार किया था, जिसको लेकर उद्धव ठाकरे ने उन्हें जमकर घेरा है।

पिछले तीन से चार दिनों में बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में एक लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल को नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार, 16 जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि से अंगूर से लेकर सब्जियों तक की फसलें प्रभावित हुई है। प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में बारिश के चलते दो लोगों की मौत हो गई है। शिंदे ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र ठाणे में कहा कि अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसलों का ‘पंचनामा’ (सर्वेक्षण) करने का निर्देश दिया गया है, प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा। प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि मराठवाड़ा, विदर्भ और उत्तरी महाराष्ट्र क्षेत्रों में खेती योग्य लगभग एक लाख हेक्टेयर भूमि असामयिक बारिश से प्रभावित हुई है।

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