सनातन पर बहस की जगह केंद्र की विफलताओं पर करें फोकस: स्टालिन

स्टालिन

चेन्नई। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाना बनाया जाना चाहिए और सनातन धर्म पर बहस से बचना चाहिए। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ दिन पहले अपने कैबिनेट सहयोगियों को सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए कहना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह इस विवाद से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।

बयान में उन्होंने कहा, एक केंद्रीय मंत्री जानबूझकर सनातन को चर्चा का विषय बनाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी विपलताओं को छिपाने के लिए भाजपा की इस चाल का हमारे लोगों को शिकार नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रविड़ कझागम के प्रमुख के वीरमणि ने कहा है कि भाजपा भ्रष्टाचार पर बहस को रोकना चाहती है और इसलिए वह सनातन धर्म पर फोकस कर ध्यान भटका रही है। वीरमणि ने इस बात को रेखांकित किया है कि हमें भाजपा के भ्रष्टाचार पर अधिक बात करनी चाहिए। इसलिए, स्टालिन ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं, कांग्रेस और वाम दलों सहित गठबंधन दलों के पदाधिकारियों और नेताओं से भ्रष्टाचार पर फोकस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘आइए हम भ्रष्टाचार के दागदार, सांप्रदायिक और निरंकुश भाजपा शासन को हराकर देश और लोकतंत्र की रक्षा करने के अपने लक्ष्य को जीतने के लिए समर्पण के साथ काम करें और मैं सभी से अपील करता हूं कि ध्यान भटकाने के लिए जगह न दें।’

उन्होंने कहा, लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि भाजपा से संबंधित लोग लोगों को वास्तविक मुद्दों को भूलने और ध्यान भटकाने में माहिर हैं। मुख्यमंत्री ने भारत माला और द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजनाओं सहित केंद्रीय योजनाओं में 7.50 लाख करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं को सूचीबद्ध किया और दावा किया कि कैग रिपोर्ट ने इसका पर्दाफाश किया है। मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि भाजपा शासन ‘आग बुझाने’ के लिए रीढ़विहीन है और वह राष्ट्रीय विमर्श की दिशा बदलने की कोशिश कर रहा है। उपचुनावों में इंडिया गठबंधन सहयोगियों की हालिया जीत एक पूर्व संकेत है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन के लिए राष्ट्रव्यापी जीत का प्रतीक है।

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