अदाणी प्रकरण से राहुल मामले का कोई लेना-देना नहीं: रविशंकर

रविशंकर प्रसाद

पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को इस आरोप का खंडन किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से इसलिए अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदाणी मुद्दे पर उनके सवालों से डरे हुए थे। राहुल गांधी के दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के तुरंत बाद प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गुजरात की एक अदालत द्वारा दोषसिद्धि पर स्टे लगाने की मांग नहीं की, ताकि वह कर्नाटक में इस प्रकरण को भुना सके, जहां करीब एक महीने बाद विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव को ध्यान में रखते हुए कानूनी विशेषज्ञों की अपनी प्रसिद्ध जमात को सेवा में नहीं लगाया। पवन खेड़ा के मामले में दिखाई देने वाली तत्परता से समझा जा सकता है। प्रसाद ने कहा, हम यहां अदाणी के बारे में जानकारी देने नहीं आए हैं। लेकिन, गांधी ने अपनी अयोग्यता को अदाणी से जोड़ने के लिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें 2019 में की गई मानहानिकारक टिप्पणियों से जुड़े एख मामले में दोषी ठहराया गया है।

पटना साहिब से लोकसभा सदस्य  प्रसाद ने कहा कि अदाणी समूह केंद्र में यूपीए के सत्ता में रहने के दौरान भी ठेके हासिल करता था और राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में कारोबार कर रहा था।संसद के भीतर अदाणी पर उनके भाषण से मोदी सरकार के हैरान होने के गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता का बयान आधारहीन और बेतुका था।

कांग्रेस नेता पर तंज कसते हुए प्रसाद ने कहा, ‘यह साबित होता है कि उन्होंने उचित विचार-विमर्श के साथ मानहानिकारक टिप्पणी की। यह उनकी आदत रही है। वह मानहानि के कम से कम सात अन्य मामलों का सामना कर रहे हैं, जिसमें (बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री) सुशील कुमार मोदी द्वारा दर्ज कराया गया मामला भी शामिल है। राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा नेता ने कहा, अब तक कई राजनीतिक नेताओं को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित किया गया है। उनमें से कुछ भाजपा के भी हैं।

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