
कोलकाता /बिच्छू डॉट कॉम। प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सोमवार को कोलकाता पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच गलतफहमियों को दूर करने की जरूरत है। ऐसा सिर्फ उनके बीच विश्वास को मजबूत कर के किया जा सकता है। विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच विश्वास बनाने की जरूरत है। वे स्कूली बच्चों के लिए आयोजित एक निजी समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ मतभेदों को अज्ञानता और निरक्षरता ने जन्म दिया है। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां धर्मों के बीच भयावह गलतफहमियां बेहद आम हैं। हमारे बीच हर तरह के मतभेद हैं। कुछ मतभेद अशिक्षा और अज्ञानता की वजह से हैं।
सेन ने कहा कि विश्वास बनाने की जरूरत है। अगर एक मुस्लिम सज्जन अलग राय रखते हैं, तो हमें यह सवाल पूछने की जरूरत है कि वह अलग नजरिया क्यों अपना रहे हैं? उन्होंने एक घटना का उल्लेख किया कि जब वह अपनी बेटी अंतरा को एक स्कूल में दाखिले के मकसद से साक्षात्कार के लिए ले गए थे और एक प्रश्न पूछे जाने पर वह चुप रही। उन्होंने याद किया कि जब शिक्षक ने अंतरा से रंगों की पहचान कराने के उद्देश्य से उसे लाल और नीली पेंसिल दिखाई तो वह चुप रही। सेन ने कहा कि मैं बहुत हताश था। जब हम बाहर आए तो मेरी पांच वर्षीय बेटी ने कहा कि बाबा, इनको कुछ समस्या है क्या? क्या वह रंग नहीं पहचान पाते?
सेन ने कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि कई बार हमारी एक-दूसरे को समझने की क्षमता असाधारण रूप से सीमित होती है। हम अलग दिशा में जाते हैं। जैसे अंतरा को लग रहा था कि यह सवाल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है जो रंगों की पहचान करने में अक्षम हैं।