
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति सहित कई अन्य मुद्दों पर वाम मोर्चे वाली केरल सरकार के साथ जारी गतिरोध के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शंकराचार्य की सराहना की है। उन्होंने रविवार को कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल 1947 के बाद भारत को एक कर सके तो इसका श्रेय वास्तव में केरल के पुत्र शंकराचार्य को जाता है। उन्होंने 1,000 साल से भी पहले लोगों को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता से अवगत कराया था। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए केरल बहुत अनुकूल है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भले ही भारत में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता बहुत पहले से थी, लेकिन लंबे समय तक देश राजनीतिक रूप से खंडित रहा था। राजनीतिक एकता और राष्ट्रीय एकता हाल की परिघटना है। उन्होंने आगे कहा कि केरल की एक महान परंपरा है और यह भारत के सबसे अच्छे राज्यों में से एक है। केरल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह वह समाज है जिसे हमें एकता के लिए श्रेय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केरल में एक बहुत ही दमनकारी सामंती व्यवस्था थी। यहां महिलाओं को ऊपरी वस्त्र तक पहनने की अनुमति नहीं थी। लेकिन जब भी संकट की घड़ी आती है, तो कोई न कोई महान आत्मा सामने आती है। यहां नारायण गुरु जैसे लोग हैं जिन्होंने इस सबके खिलाफ आवाज उठाई थी।
आगे उन्होंने कहा कि सरदार पटेल 1947 के बाद भारत को एकजुट कर सकते हैं और हम सबसे बड़ा लोकतंत्र बन सकते हैं और हम एक राष्ट्र बन सकते हैं, तो इसका श्रेय वास्तव में केरल के बेटे शंकराचार्य को जाता है, जिन्होंने 1,000 साल से भी अधिक समय पहले भारत के लोगों को उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता के बारे में जागरूक किया। वहीं, उनके और राज्य सरकार के बीच चल रहे झगड़े के कारण राज्य के शिक्षा क्षेत्र पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि केरल न केवल भारत बल्कि दुनिया का ज्ञान केंद्र बनने के लिए उपयुक्त है क्योंकि यहां का मौसम ज्ञान के साधकों के लिए बहुत अनुकूल है।
गौरतलब है कि शंकराचार्य को आदि शंकराचार्य के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 788 ईस्वी में केरल के कालडी में हुआ था। वे अद्वैत दर्शन के विद्वान, ऋषि और प्रतिपादक थे। आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित ‘एक्वाकल्चर एंड फिशरीज में जेंडर’ विषय पर 8वें वैश्विक सम्मेलन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबोधित किया। यहां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर शोधकर्ताओं और लोगों के बीच ज्ञान के अधिक खुले और रचनात्मक आदान-प्रदान की आवश्यकता है।