महिलाओं को मेनोपॉज के बाद रखना चाहिए इन बातों का ध्यान, नहीं होगी परेशानी

मेनोपॉज

बिच्छू डॉट कॉम। कुदरती रूप से जब महिलाओं के मासिक धर्म या पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं तो उस अवस्था को मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति कहते हैं। हालांकि, यह एक नेचुरल प्रोसेस है लेकिन पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं की दिनचर्या काफी डिस्‍टर्ब हो जाती है। महिलाओं में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। करीब 40 साल की आयु के बाद महिलाओं को मेनोपॉज की समस्या शुरू होने लगती है। हार्मोन्‍स में आए बदलाव की वजह से कभी पीरियड देरी से आता है तो कभी हैवी ब्‍लीडिंग की समस्‍या होने लगती है। ऐसे में आइए जानते हैं मेनोपॉज शुरू होने पर आखिर महिलाओं को कौन-कौन सी दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं और इस स्थिति से गुजरने वाली हर महिला को इस दौरान कैसे अपना ध्यान रखना चाहिए।  

मेनोपॉज के बाद होने वाली दिक्कतें

  • मेनोपॉज शुरू होते ही महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से उन्हें घबराहट, बेचैनी, डिप्रेशन महसूस होने लगता है।
  • पीरियड्स बंद होने की वजह से पेट में गैस और ब्लोटिंग की समस्या शुरू हो जाती है।
  • मेनोपॉज शुरू होने पर कई महिलाओं को शरीर में खुजली होने लगती है, जो गर्मी के मौसम में ज्यादा महसूस होती है।
  • इसके अलावा नींद नहीं आना, नींद पूरी नहीं होना ये भी मेनोपॉज के लक्षण होते हैं।
  • पीरियड्स बंद होने पर महिलाओं को गर्मी बहुत ज्यादा लगती है। इतना ही नहीं ठंड में भी उन्हें सर्दी नहीं लगती है।
  • मेनोपॉज का सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर पड़ता है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।
  • मासिक धर्म बंद होने पर थकान और कमजोरी महसूस होने के साथ महिलाओं को भूख भी कम लगने लगती है।

मेनोपॉज शुरू होने पर कैसे रखें अपना ध्यान

  • मेनोपॉज शुरू होते ही नियमित रूप सैर शुरू कर देनी चाहिए।
  • मेनोपॉज शुरू होते ही खुद को तनाव से बचाए रखने के लिए अधिक से अधिक व्‍यस्‍त रहने की कोशिश करें।
  • इस दौरान मूड स्विंग से बचने और तनाव मुक्‍त रहने के लिए अपने मन की बातें परिवार के लोगों से जरूर शेयर करें।
  • योग और प्राणायाम का सहारा जरूर लें। इसके अलावा अधिक मात्रा में पानी पीते रहें।

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