शरीर को फिट और ठीक रहने में मदद करती हैं ये आदतें

भारतीय प्रथाएं

बिच्छू डॉट कॉम। भारत सबसे फेमस देशों में से एक है, जो तरह-तरह की भाषाओं, अलग-अलग सिनेमाघरों, खाना और पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं के पॉजिटिव प्रभावों के लिए जाना जाता है। जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो कुछ ऐसी भारतीय प्रथाएं हैं जो आसानी से फॉलो की जा सकती हैं और आपके शरीर को फिट और ठीक रहने में मदद करती हैं। तो चलिए जानते हैं पूराने समय की आदतों के बारे में।

जमीन पर बैठ कर खाना
कई भारतीय परिवार ऐसे हैं जो आज भी जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं। वास्तव में, यदि आप किसी गुरुद्वारा या मंदिर में जाते हैं, तो वहां भी जमीन पर बैठा कर खाना खिलाया जाता है। जमीन पर बैठकर खाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह आपके पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। खाना लेने के लिए आगे की ओर झुकना और पीछे की ओर जाना आपके पैंक्रियाज की धीरे से मालिश करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है। साथ ही ऐसा करने से आपका ध्यान पूरी तरह से खाने पर रहेगा और आप कितना खा रहे हैं इस बात का भी ध्यान रहेगा।

हाथ से खाना
हम में से ज्यादातर लोग आज भी अपनी रोटी और चावल हाथों से खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हाथों से खाना खाने से व्यक्ति अपनी सभी इंद्रियों के माध्यम से खाना खाता है। आप सूंघ सकते हैं, छू सकते हैं, चख सकते हैं, आवाज कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आप क्या खा रहे हैं। यह खाने के स्वाद को बढ़ाता है और इसलिए आप हाथ से खाने के बाद हमेशा संतुष्ट महसूस करेंगे। हालांकि हाथ से खाने से पहले ये सुनिश्चित करें की आपके हाथ अच्छी तरह से धुले हों।

घर को फुटवियर फ्री जोन रखना
कई लोग ऐसे है जहां आज भी लोग अपने जूते अपने बेडरूम और घर के में नहीं ले जाते हैं। कई घरों में बाथरूम के लिए एक अलग चप्पल होती हैं ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण रहने की जगह में न जा सके। लेकिन, समय के साथ, कई लोग इस आदत को भूलते जा रहे हैं। घर में फुटवियर पहनकर आप बहुत ही आसानी से हानिकारक बैक्टीरिया या जर्म्स को अंदर ला सकते हैं। जो आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं।

 बैठ कर पानी पीना
अक्सर माता-पिता या दादा-दादी बैठ कर पानी पीने के लिए कहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन कितनी बुरी तरह बिगड़ जाता है। स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, यह हमारे जोड़ों में अतिरिक्त तरल पदार्थ के जमा होने के कारण होता है। इससे गठिया की बीमारी भी हो सकती है, इसलिए खड़े होकर पानी पीने से बचना सबसे अच्छा है।

सुबह की सफाई
कुछ लोग सुबह स्नान करने और खुद को साफ करने के बाद ही कुछ खाते हैं। सुबह नहाने और तरोताजा होने का बहुत महत्व है क्योंकि यह आपके पूरे नजरिए को बदल देता है। इसके अलावा, आप दिन भर में जो भी कीटाणु और बैक्टीरिया जमा करते हैं, उन्हें एक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए सुबह उठ कर नहाना जरूरी है।

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