
बिच्छू डॉट कॉम। शमी को सफेद कीकर, खेजडो, समडी, शाई, बाबली, बली, चेत्त आदि नाम से भी पहचाना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आयुर्वेद में भी शमी वृक्ष को वरदान से कम नहीं माना गया है। आइए जानते हैं आखिर कैसे शमी के पौधे से आप पा सकते हैं सेहत और सौंदर्य से जुड़े लाभ।
शमी के फायदे
-यदि किसी व्यक्ति को त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है तो शमी की लकड़ी उसके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसी होने पर शमी की लकड़ी को घिस कर लगाने से इस तरह की समस्याओं से जल्दी राहत मिलती है।
-तांबे के बर्तन में घी, जौ, तथा शमी के पत्तों को पीस कर मिला लें, फिर इसे सूखा लें और अपनी आंखों में लगाएं।इससे आंखों का दर्द ठीक होता है।
-शमी के पत्तों में एंटीहाइपरलिपिडेमिक गतिविधि होती है, जो कि एक तरह से एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये खून में लिपिड लेवल को कंट्रोल करते हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।
-शमी के पत्तों को धो कर, इसमें काली मिर्च और शहद के साथ सेवन करने से ये दस्त की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं।
-खुजली की समस्या होने पर आप शमी की पत्तियों को दही के साथ पीसकर उसका लेप बना लें। इसके बाद इसे खुजली वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलेगा।
-पेशाब में जलन और पेशाब से जुड़ी दिक्कतों में शमी का पत्ता रामबाण इलाज बन सकता है। इसके लिए शमी के पत्तों को पीस लें और उसमें पानी मिला कर हल्का गुनगुना कर लें। अब इसे नाभि में लगाएं। ये पेशाब रूकने की परेशानी को कम करने में मदद करेगा।
-शरीर में गर्मी बढ़ने पर शमी के पत्तों का रस निकालकर पानी में जीरे और शक्कर के साथ मिलाकर पीने से राहत मिल सकती है।