
कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी की अगुवाई में जारी शांति वार्ता में ठोस प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ शांति समझौते के लिए अमेरिका की ओर से तैयार किए गए प्रारंभिक प्रस्तावों में कीव की कई मांगें शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि करीब चार साल से जारी इस युद्ध में दोनों पक्ष शायद हर चीन नहीं पा सकेंगे, जो वे इस समझौते में चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा, कुल मिलाकर इस चरण में यह काफी ठोस लगता है। यह बात उन्होंने उन हाल की बैठकों को लेकर कहा, जिनमें अमेरिकी अधिकारी पड़ोसी देशों को समझौते की दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, कुछ चीजों के लिए हम शायद तैयार नहीं हैं और मुझे यकीन है कि कुछ चीजों के लिए रूस भी तैयार नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महीनों से शांति समझौते के लिए दबाव डाल रहे हैं। हालांकि, मॉस्को और कीव की मांगें आपस में टकरा रही हैं, जिसके कारण वार्ताओं में बाधाएं आई हैं। लेकिन अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने रविवार को कहा कि उन्होंने फ्लोरिडा में यूक्रेनी और यूरोपीय प्रतिनिधियों के साथ ‘उत्पादक और रचनात्मक’ बातचीत की।
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की लगभग 90 फीसदी मांगें मसौदा समझौतों में शामिल की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित समझौते की रीढ़ 20-बिंदु योजना है। इसके अलावा, यूक्रेन, यूरोपीय देशों और अमेरिका के बीच सुरक्षा गारंटी पर एक मसौदा दस्तावेज है और अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दी गई द्विपक्षीय सुरक्षा गारंटी पर एक अलग दस्तावेज भी है। जेलेंस्की ने कुछ मुख्य बिंदुओं का जिक्र किया- यूक्रेनी सेना की संख्या शांति के समय आठ लाख बनी रहेगी; यूरोपीय संघ की सदस्यता और फ्रांस और ब्रिटेन के नेतृत्व में यूरोपीय सेनाएं और वाशिंगटन यूक्रेन की हवा, जमीन और समुद्र में सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।
