योग्यता के बजाय राजनीति को दी गई तरजीह: ट्रंप

ट्रंप

वॉशिंगटन। वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। इसके साथ ही काफी लंबे समय से नोबेल पुरस्कार की मांग कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सपना टूट गया। अब इस पुरस्कार को लेकर व्हाइट हाउस की ओर प्रतिक्रिया सामने आई है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार समिति द्वारा डोनाल्ड ट्रंप की बजाय वेनेजुएला के विपक्ष की नेता को शांति पुरस्कार देने के फैसले की आलोचना की। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि, नोबेल पुरस्कार के चयन करने वाले पैनल ने शांति की बजाय राजनीति को चुना। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करवाते रहेंगे और लोगों की जान बचाना जारी रखेंगे। उनके भीतर एक मानवतावादी का हृदय है और उनके जैसा कोई नहीं होगा जो अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से पर्वतों को भी हिला सके।

वेनेजुएला की मुख्य विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि, आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम पत्रिका की ‘2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों’ की सूची में शामिल है। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति की अध्यक्ष ने मचाडो की शांति की एक साहसी और प्रतिबद्ध समर्थक के रूप में सराहना की, जो बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखती हैं। इस घोषणा के दौरान नोबेल समिति ने कहा कि वह वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में मारिया कोरिना मचाडो के अथक कार्य और तानाशाही से लोकतंत्र में एक न्यायसंगत और शांतिपूर्ण बदलाव प्राप्त करने के संघर्ष के लिए उन्हें सम्मानित करती है।

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