
वॉशिंगटन। अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना राज्य से रिपब्लिकन पार्टी के बड़े नेता और सांसद थॉम टिलिस ने ऐलान किया है कि वह अगले साल होने वाले सीनेट चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। यह फैसला उन्होंने तब लिया जब उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैक्स और खर्च कटौती योजना का खुलकर विरोध किया। इस फैसले के बाद डेमोक्रेट्स को 2026 के चुनाव में बड़ा मौका मिल सकता है। बता दें, ट्रंप के इस बिल पर एलन मस्क भी सवाल उठा चुके हैं टिलिस ने चुनाव न लड़ने की घोषणा के साथ-साथ ये भी कहा कि मौजूदा राजनीति में ऐसे नेता कम होते जा रहे हैं जो बिना किसी दबाव के सही फैसला ले सकें और आम जनता के भले के लिए काम कर सकें। उन्होंने कहा कि वह अब राजनीति में बिना किसी दबाव के स्वतंत्र होकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। दरअसल, टिलिस मानते हैं कि ट्रंप के इस कार्यकाल में सभी सांसद या नेता अपनी बात खुलकर सामने नहीं रख पा रहे हैं।
ट्रंप पहले ही टिलिस से नाराज चल रहे थे। टिलिस ने ट्रंप की योजना का विरोध किया था जिसमें गरीबों की स्वास्थ्य योजनाओं में कटौती शामिल थी। वहीं, दूसरी ओर ट्रंप ने सोशल मीडिया पर टिलिस के चुनाव न लड़ने के फैसले को ‘बेहतरीन खबर’ बताया। उन्होंने टिलिस पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ बातें करते हैं, असल में कोई काम नहीं करते। टिलिस कोई आम नेता नहीं है जनता के बीच उनकी पूछ है। एक अलग पहचान है। ऐसे में वो दबाव की राजनीति से परहेज करते आए हैं। वहीं, अब टिलिस को लगता है कि ट्रंप के कार्यकाल में उनको दबाव में काम करना पड़ेगा, इसलिए वो सीनेटर का चुनाव नहीं लड़ेंगे. ऐसे में एक मजबूत नेता के ना लड़ने से रिपब्लिकन पार्टी यानी ट्रंप की पार्टी को नुकसान हो सकता है. दूसरी ओर इसके उलट डेमोक्रेटिक पार्टी को बड़ा फायदा हो सकता है।
डेमोक्रेट्स इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। उधर रिपब्लिकन पार्टी ने भरोसा जताया है कि वह यह सीट फिर से अपने पास रखेगी। मगर पार्टी के अंदर ट्रंप समर्थकों और विरोधियों के बीच टकराव साफ नजर आ रहा है। थॉम टिलिस को नॉर्थ कैरोलिना में एक समझदार और मध्यम विचारों वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। वह स्वास्थ्य, शिक्षा और सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर खुलकर काम करते रहे हैं। मगर ट्रंप की कट्टर राजनीति में ऐसे नेताओं की जगह लगातार कम होती जा रही है। यही वजह है कि टिलिस ने राजनीति से हटने का फैसला कर लिया।