बांग्लादेश दुर्गा पूजा हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत, 60 घायल, शक की सुई जमात-ए-इस्लामी की ओर

दुर्गा पूजा हिंसा

बिच्छू डॉट कॉम। दक्षिणी बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों और प्रतिमाओं को तोड़ने के पीछे शक की सुई जमात-ए-इस्लामी की ओर जाती दिख रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगलादेशी पीएम शेख हसीना को शर्मिंदा करने के इरादे से ये कदम उठाए गए हैं। कुरान के कथित तौर पर अपमान के बाद से हुए हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर 3,000 से अधिक पंडाल लगाए गए हैं। 13 अक्टूबर को कथित तौर पर कुरान के अपमान के बाद से हिंसा भड़की हुई है। उपद्रवियों द्वारा मंडप, मूर्ति, पंडाल और मंदिर को निशाना बनाया गया है।

शुरुआत में पुलिस ने धीमी कार्रवाई की लेकिन भारतीय उच्चायुक्त द्वारा मामला उठाए जाने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने सशस्त्र पुलिस बलों की भारी तैनाती की है। प्रशासन ने 15 अक्टूबर को भी भारी पुलिस तैनाती की बात कही है। अब तक चांदपुर में दो प्रदर्शनकारियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। कमिला में रबर की गोलियों से दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। करीब 60 लोग घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि जमात-ए-इस्लामी ने मामले को भड़काया है। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी वही संगठन है जिसने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद ‘बांग्लादेश बनेगा अफगानिस्तान’ जैसे नारे गढ़े हैं। जमात-ए-इस्लामी इस्लाम के कट्टर और रुढ़िवादी रूप को बांग्लादेश में लाना चाहता है। इसी कड़ी में इस तरह के नारे गढ़कर यह संगठन युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है।

ढाका स्थित एक राजनियक ने बताया है कि 13 अक्टूबर की घटना का मकसद बांगलादेश सरकार की साख को शर्मिंदा करना और भारत को प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करना था। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का विरोध करती है और कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही है।

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